भोपाल। प्रह्लाद लोधी मामले में राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय को सही माना है। हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसलपी दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दिया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने लोधी को राहत देते हुए सजा पर 7 जनवरी 2020 तक लिए रोक लगाई थी।
दरअसल तहसीलदार से पिटाई के एक पुराने मामले में प्रहलाद लोधी को जनप्रतिनिधियों के लिए भोपाल में बनी स्पेशल कोर्ट ने दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सदन में एक पद रिक्त होने की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी थी और विधानसभा से प्रहलाद लोधी की सदस्यता रद्द हो गई थी। सजा के खिलाफ लोधी ने हाईकोर्ट में अपील की तो वहां से उन्हें स्टे मिल गया। इसके आधार पर ही वे सदस्यता बहाली की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने पैरवी की। लोधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, पुरूषेंद्र कौरव और हरमीत सिंह रुपराह ने पक्ष रखा। रुपराह के अनुसार अब विधानसभा अध्यक्ष से पुनः सदस्यता बहाली का आग्रह किया जाएगा। आवश्यकता होने पर कोर्ट की भी शरण ली जा सकती है।