कहानी सच्ची है
भोजन राहत हेल्पलाइन बनी वरदान
81 लाख 70 हजार जरूरतमंदों तक पहुंचाया भोजन
291 स्वयंसेवी संस्थाएं भी कर रही है भागीदारी
भोपाल : रविवार, अप्रैल 19, 2020, 18:20 IST
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर कोरोना संक्रमण लॉक डाउन प्रारंभ होते ही गरीब, बेसहारा निशक्त व्यक्तियों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा भोजन राहत हेल्पलाइन प्रारंभ कर दी गई, जिसका टोल फ्री नंबर 18002332797 है। इस नंबर पर एवं 181 सीएम हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से 81 लाख 76 हजार जरूरतमंदों को पका भोजन एवं राशन सामग्री पहुँचाई जा चुकी है।
प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि 31 मार्च 2020 से प्रारंभ की गई इस हेल्पलाइन नंबर को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसके साथ चिर-परिचित सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 को भी जोड़ा गया है। इन दोनों ही नंबरों से प्रदेश के किसी भी कोने में रहने वाला कोई भी जरूरतमंद भोजन या खाद्य सामग्री के लिए अपनी समस्या दर्ज करा सकता है। उन्होंने बताया कि भोजन राहत एवं सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से 17 अप्रैल 2020 तक 62787 कॉल रिसीव किए गए हैं जिनमें से भोजन व्यवस्था से संबंधित 54747 कॉल का तुरन्त निराकरण कर लोगों को राहत पहुँचाई गई।
291 स्वयंसेवी संस्थाओं ने पहुंचाये, लगभग 27 लाख लोगों तक भोजन के पैकेट
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस टोल फ्री नंबर का उपयोग जरूरतमंदों को राहत देने के साथ ही ऐसी सामाजिक संस्थाएं एवं व्यक्ति जो मानवता के लिए कार्य करने के इच्छुक हैं उन्हें जोड़ने का कार्य भी किया गया है। आज प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत 291 स्वयंसेवी संस्थाएं इस अभियान से जुड़कर जरूरतमंदों को पके हुए भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल तक 26 लाख 13 हजार भोजन के पैकेट स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बाँटे जा चुके हैं। इस हेल्पलाइन के माध्यम से सर्वाधिक भोजन पैकेट का वितरण इंदौर जिले में 5 लाख 74 हजार का किया जा चुका है।
खाद्य विभाग ने भी बाटे 54 लाख 93 हजार खाद्यान्न के पैकेट
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि स्वयंसेवी संस्थाओं के अलावा जिला कलेक्टरों एवं स्थानीय निकायों द्वारा प्रत्येक जरूरतमंद को पका हुआ भोजन/खाद्यान्न मुहैया करा जा रहा है। अभी तक जिलों में 54 लाख 93 हजार खाद्यान्न के पैकेट विभागीय अमले द्वारा वितरित किए जा चुके हैं यह क्रम लगातार जारी रहेगा।
अनिल वशिष्ठ
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