- दिग्विजय सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा
- लॉकडाउन के नतीजों को लेकर उठाये सवाल
- कहा- फैसला लेने से पहले सोचते नहीं हैं पीएम
कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के मकसद से केंद्र सरकार ने 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया है. पहले 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से की गई, लेकिन ये बढ़ते-बढ़ते पचास दिन से ज्यादा का हो गया है. इस दौरान प्रवासी मजदूरों को परेशानी झेलनी पड़ी तो कारोबार भी पूरी तरह ठप हो गये. बीमारों को इलाज भी नहीं मिल पाया. यही वजह है कि लॉकडाउन के पक्षधर लोग भी इसे बिना तैयारी के लागू करने के आरोप लगा रहे हैं.
ऐसे लोगों की लिस्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का नाम भी जुड़ गया है. दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कई ट्वीट किये और लॉकडाउन लागू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा. दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर देरी से और बिना सोचे-समझे कोरोना के मद्देनजर एक्शन लेने का आरोप लगाया है.
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दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘पीएम के साथ समस्या ये है कि यह साबित करने के लिए कि वह एक “शक्तिशाली निर्णायक” पीएम हैं, वह पहले काम करते हैं और बाद में उसके अंजाम के बारे में सोचते हैं. पहले नोटबंदी, जीएसटी और अब नेशनल लॉकडाउन. उन्होंने 31/01/2020 से कोई एक्शन नहीं लिया, जब भारत में कोरोना के पहले मामले का पता चला था और 40-50 दिन बाद कार्रवाई की.’
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा कि अगर पीएम को लॉकडाउन के नतीजों की समझ होती तो जनता कर्फ्यू और ताली थाली के बजाय लोगों को लौटने के लिये 3-4 दिन देते. दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि पीएम मोदी ने नई करेंसी छापे बिना नोटबंदी कर दी, सिस्टम फुल प्रूफ करने के बजाय जीएसटी लागू कर दिया और अब बिना किसी एग्जिट प्लान के लॉकडाउन लागू कर दिया. दिग्विजय ने कहा कि हर दिन गाइडलाइंस जारी करने से अराजकता फैल रही है.
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बता दें कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर कांग्रेस के दूसरे नेता भी लॉकडाउन को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवाल उठा चुके हैं. सोनिया गांधी ने आर्थिक पैकेज और प्लान न होने का आरोप लगाते हुये मोदी सरकार से सवाल पूछा था कि अब 17 मई के बाद क्या होगा. इसी तरह कांग्रेस के दूसरे नेता भी सरकार की तैयारियों पर सवाल उठा रहे हैं.
हालांकि, कांग्रेस पार्टी भले ही लॉकडाउन के अंजाम और उसकी तैयारियों को लेकर सवाल उठा रही हो, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का एकमत से ये मानना है कि कोरोना को हराने के लिये लॉकडाउन ही जरूरी है.
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