- 20 अप्रैल से कई तरह की सेवाएं शुरू होंगी
- ई-कॉमर्स कंपनियां कर रहीं सर्विस देने की तैयारी
- गृह मंत्रालय के गाइडलाइन पर स्पष्टीकरण का इतंजार
फ्लिपकार्ट, एमेजॉन और पेटीएम मॉल जैसी ऑनलाइन रिटेल कंपनियां 20 अप्रैल के बाद अपना कारोबार पूरी तरह से चालू करने की तैयारी कर रही हैं. हालांकि, सरकार ने बहुत साफ नहीं किया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी तरह के सामान की सप्लाई की इजाजत होगी या सिर्फ जरूरी सामान की. इसी को लेकर थोड़ी दुविधा है जिस पर कंपनियां गृह मंत्रालय के स्पष्टीकरण के इंतजार में हैं.
मंत्रालय ने बुधवार को जारी अपनी गाइडलाइन में कहा है कि 20 अप्रैल से इस तरह की सर्विस को उन इलाकों में शुरू किया जाएगा जो कोरोना के हॉटस्पॉट नहीं हैं. इसके बाद अब ये कंपनियां अपना काम पूरी तरह से शुरू होने की तैयारी कर रही हैं. असल में बुधवार को गृह मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी की है. इसमें कुछ सेवाओं के लिए सशर्त छूट दी गई है, ताकि रोजमर्रा की जरूरी चीजों की सप्लाई जारी रहे. वैसे लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है.
इस तरह की सेवाओं के बंद होने से जनता को काफी परेशानी हो रही है, जिसकी वजह से सरकार ने यह निर्णय लिया है.
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ई-कॉमर्स कंपनियों को इजाजत
व्यावसायिक और निजी संस्थानों के बारे में एक उपखंड में मंत्रालय ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार शुरू करने की इजाजत दी जाएगी. इसमें कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों की गाड़ियों को जरूरी परमिशन के साथ आवाजाही की अनुमति होगी. इसमें यह कहीं नहीं कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को सिर्फ जरूरी सामान की आपूर्ति की इजाजत है, अब इसके बारे में सवाल उठता है कि क्या वे गैर जरूरी सामान यानी किताबें, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे दूसरे सामान की भी आपूर्ति कर सकती हैं
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माल ढुलाई भी हो सकेगी
इस गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि कोरियर सेवाओं को भी शुरू किया जाएगा. इसमें यह भी कहा गया है कि सभी तरह की माल की आवाजाही शुरू की जाएगी. इसमें कहा गया है कि रेलवे, एयरपोर्ट, सीपोर्ट, लैंडपोर्ट पर काम माल ढुलाई के लिए शुरू किया जाएगा. इसमें कहीं यह नहीं कहा गया है कि सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई होगी. ट्रकों और अन्य माल ढुलाई वाहनों को भी आवाजाही की इजाजत दी जाएगी. हर ट्रक में दो ड्राइवर और एक हेल्पर को ही चलने की इजाजत होगी.
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बस इस बात का है इंतजार
इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, एमेजॉन जैसे ई-प्लेटफॉर्म इस गाइडलाइन के बारे में गृह मंत्रालय से स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं. वे इस बात को स्पष्ट कर लेना चाहते हैं कि उन्हें फूड एवं ग्रॉसरी के अलावा अन्य गैर-जरूरी वस्तुएं बेचने की इजाजत है या नहीं. कंपनियां इस तरह की सेवाएं शुरू करने की तैयारी में लगी हैं, साथ में मंत्रालय के स्पष्टीकरण के इंतजार में भी हैं.
(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)