- लॉकडाउन में राज्य सरकार का फैसला भी अहम
- केंद्र ने जारी किया महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में मोदी सरकार ने एक बार फिर से देशव्यापी लॉकडाउन को दो हफ्तों के लिए बढ़ा दिया है. हालांकि लॉकडाउन 4.0 में कई तरह की छूट भी दी गई है. इन रियायतों में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, सैलून की दुकानों के साथ ही बसों को चलाने की भी बात कही गई है. 18 मई से शुरू होने वाला लॉकडाउन 4.0 देश में 31 मई 2020 तक लागू रहेगा. हालांकि इस बार कई निर्णय राज्य सरकारों को लेना है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनके लिए कई गाइडलाइन जारी की है.
गाइडलाइन में कहा गया है कि सभी राज्यों के कंटेनमेंट जोन और बफर जोन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश-11 मई 2020 को पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्यों की तरफ से जो सुझाव दिए गए, उसे ध्यान में रखते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं.
लॉकडाउन 4.0: क्या खुला-क्या बंद-कहां मिली छूट? जानें 10 बड़ी बातें
1. कोई भी राज्य जिला या नगर निगम को रेड/ऑरेंज/ग्रीन जोन में बांट सकता है. इसके अलावा राज्य अपने मूल्यांकन के आधार पर सब डिविजन/वार्ड या किसी अन्य प्रशासनिक यूनिट को भी जोन में बांट सकते हैं.
2. राज्यों को कैटेगरी तय करते हुए केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए पैरामीटर का ख्याल रखना होगा. इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से अपडेटेड गाइडलाइन जारी की जा रही है. जो ताजा हालात को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है.
3. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जोन के बंटवारे के बाद फील्ड एक्शन क्या होता है? सभी कंटेनमेंट इलाकों में किस तरह से काम किया जाता है? इससे संबंधित सभी दिशा-निर्देश सभी राज्यों को भेज दिए गए हैं. इसके अलावा इस लिंक पर भी इसे जाना जा सकता है.
4. यह काफी महत्वपूर्ण है कि सभी कंटेनमेंट जोन की रूपरेखा संक्रमित लोगों की मैपिंग के आधार पर बनाई जाए. सरकारों के लिए कोरोना संक्रमण के प्राथमिक एरिया की पहचान करना जरूरी है. जिससे कि इसके चेन को तोड़ा जा सके. इसलिए जिला प्रशासन या स्थानीय शहरी निकाय अपने लोकल इनपुट्स के आधार पर फैसले लें.
5. जो भी इलाका कंटेनमेंट घोषित किए जाते हैं वहां पर नियमों का सख्ती से पालन हो. क्लियर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट तय किए जाएं. आवश्यक वस्तु, सेवा या मेडिकल सुविधा के अलावा किसी को भी आने ना दिया जाए. बिना चेक किए किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने नहीं दिया जाए. साथ ही आने जाने वाले सभी लोगों के रिकॉर्ड रखे जाएं.
6. कंटेनमेंट इलाकों में स्पेशल टीम के जरिए घर-घर जाकर केस सर्च करना चाहिए. सैंपलिंग गाइडलाइंस के मुताबिक सभी केसों की जांच की जाए. संपर्क में आए व्यक्तियों को ट्रेस किया जाए. वहां रहने वाले लोगों से सर्विलांस, कॉनटैक्ट ट्रेसिंग और रिस्क कम्युनिकेशन में मदद ली जाए. सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाए. हाथ साफ रखने को कहा जाए. सभी लोगों का मास्क पहनना सुनिश्चित किया जाए. साथ ही सैनिटाइजेशन का भी काम हो. जो भी कंफर्म केस हैं उनकी क्लीनिकल प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए.
7. बफर जोन में खास ध्यान रखने की जरूरत होगी. जिससे कि आस-पास के इलाकों में संक्रमण का प्रसार ना हो. इन इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा का खास ख्याल रखा जाए. जिससे कि लोगों की मॉनिटरिंग हो सके. इन इलाकों में कितना वर्क फोर्स है इसकी पहचान की जाए. जिला में कोविड 19 केस की रिपोर्ट रियल टाइमिंग पर शेयर हो. लोगों को जागरूक करने और रोकथाम के उपायों पर भी ध्यान देना होगा.
8. कंटेनमेंट इलाकों में अगर अगले 28 दिनों में एक भी नया केस नहीं आया तो ऑपरेशन सफल माना जाएगा. बफर जोन और कंटेनमेंट जोन में प्रभावी फील्ड एक्शन महत्वपूर्ण होगा. इसी से कोरोना के प्रसार को रोका जा सकता है.
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9. इसलिए सभी राज्यों से अनुरोध है कि वो आवश्यकता के अनुसार एक्शन लेना शुरू करें.
देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 96 हजार के पार
देश में कोरोना के मामले 96 हजार के पार पहुंच गए हैं. 24 घंटे में कोरोना के 5 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी अपडेट के मुताबिक, अब देश में कुल कंफर्म केस की संख्या 96 हजार 169 है. इसमें से 3 हजार 49 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं.
अभी देश में 56 हजार 316 एक्टिव केस हैं. महाराष्ट्र में कोरोना का कोहराम सबसे ज्यादा है. यहां मरीजों की संख्या 33 हजार के पार पहुंच गई है. मरने वालें लोगें की तादाद भी 1198 तक जा पहुंची है. वहीं, गुजरात में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा 11 हजार 379 तक जा पहुंचा है, जबकि मरने वालों की तादाद 659 है.