Friday, March 14, 2025
HomestatesUttar Pradeshअधिकतम सजा की वजह नहीं बताई, सभी शिकायतकर्ता BJP से क्यों... 10...

अधिकतम सजा की वजह नहीं बताई, सभी शिकायतकर्ता BJP से क्यों… 10 दलीलें जिनसे राहुल गांधी को मिली ‘सुप्रीम राहत’ – rahul gandhi modi surname case supreme court how rahul gandhi get relief in manhani case ntc

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए इस फैसले ने उनके लिए फिर से संसद के दरवाजे खोल दिए हैं और ऐसा हो सकता है कि वह जल्दी ही फिर से सदन में दिखाई देंगे. हालांकि शुक्रवार की शाम को हुई प्रेस वार्ता में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तंज कसते हुए कहा कि, ‘राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने में सिर्फ 24 घंटे का समय लगा. 24 घंटे में सबकुछ हुआ. उन्होंने कहा कि अब देखते हैं बहाली कितनी देर में होती है. शायद रात तक कर दें, या अभी कर दें, कितना वक्त लेते हैं, हम देखेंगे और इंतजार करेंगे. मैं इतना कहूंगा कि ये लोगों की जीत है, ये नागरिकों की जीत है, और वायनाड के लोगों की जीत है.

’13 करोड़ लोगों का समुदाय, शिकायत सिर्फ बीजेपी के लोगों ने की’
मोदी सरनेम केस में मोदी समुदाय पर भी बड़ा सवाल खड़ा हुआ. प्रेस वार्ता में राहुल गांधी के बोलने के बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि लगभग 13 करोड़ लोगों का समुदाय है, राहुल गांधी ने जो बात कही थी, इनमें से कोई भी ये मानहानि डाल सकते हैं, ये मोरल turpitude है. उन्होंने कहा कि ‘मैंने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दो साल की सजा मोरल turpitude है. ये अपराध दो निजी व्यक्तियों के बीच है. केरल से कश्मीर, असम से गुजरात कोई भी शिकायत कर सकता है, लेकिन ऐसा कैसा समुदाय है कि सिर्फ भाजपा का व्यक्ति ही शिकायत करता है.

सत्र अदालत में होगी सुनवाई
राहुल गांधी मेट्रोपॉलिटन कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जाने के फैसले के खिलाफ पहले सत्र अदालत गए थे, फिर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीमकोर्ट गए थे. पिछले महीने गुजरात हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस नेता सुप्रीम कोर्ट गए थे. सत्र अदालत ने दोषसिद्धि को पूरी तरह से रद्द करने की उनकी अपील पर सुनवाई की थी. अब वायनाड से सांसद रहे राहुल गांधी, मोदी सरनेम मामले में सजा पर रोक लगने के बाद लोकसभा में लौटने के लिए तैयार हैं. ऐसे में ये सवाल था कि सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट में राहुल गांधी को कोई राहत नहीं मिली, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर उन्हें सजा से राहत दी है. इस सवाल के जवाब में 10 दलीलें हैं जो राहुल गांधी के पक्ष में मजबूत पहलू बनकर आईं.

जानिए वो 10 दलीलें, जिन्होंने मजबूत किया राहुल गांधी का पक्ष

1. मान हानि केस में राहुल गांधी को दो वर्ष की अधिकतम सजा सुनाई गई, लेकिन जजमेंट 
में अधिकतम सजा का कारण नहीं बताया गया. 

2. लोवर कोर्ट और हाईकोर्ट ने माना कि मोदी सरनेम वाला 13 करोड़ का समुदाय है लेकिन
फैसला ऐसे वर्ग को परिभाषित करने में नाकाम है.

3. हाईकोर्ट ने केस को अत्यंत गंभीर और भर्त्सना वाला अपराध माना, लेकिन मामला 
असंज्ञेय अपराध का है. जमानती अपराध है तो इतना गंभीर क्यों बताया?

4. लोवर कोर्ट और हाईकोर्ट ने मानहानि केस को मोदी समाज का अपमान माना गया,अगर एक
समाज का अपमान हुआ तो सभी शिकायतकर्ता बीजेपी वर्कर क्यों?

5. हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में एक नया अपराध जोड़ दिया जो पूरे केस का हिस्सा ही नहीं
था?

6. एविडेंस एक्ट के तहत न्यायिक प्रक्रिया में राहुल गांधी का बयान सिद्ध नहीं किया गया,
बिना बयान सिद्ध किए राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया.

7. न्यायिक प्रक्रिया के दौरान ऐसे गवाह को पेश किया गया जिसका मान हानि के मामले से
कोई लेना देना नहीं था.

8. संसद की सदस्यता छीनने से राहुल गांधी के अधिकारों के साथ-साथ वायनाड की जनता
के अधिकारों का हनन हुआ.

9. दोष सिद्धि में मोदी सरनेम पर राहुल के बयान को बदइरादे वाला माना गया जबकि खुद 
याचिकाकर्ता ने राहुल पर बदनियती का आरोप नहीं लगाया है.

10. राहुल गांधी को आदतन अपराधी बताया गया जबकि इस केस को छोड़कर 13 मामलों में अभी ट्रायल जारी है. किसी में दोषी करार नहीं दिया गया. 

हालांकि एक बात और सुप्रीम कोर्ट ने कही. अदालत ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं कि भाषण में जो भी कहा गया, वह अच्छा नहीं था. नेताओं को जनता के बीच बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए.

 


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k