- अनिल अंबानी ने लंदन की अदालत में खुद को ‘कंगाल’ बताया
- उनके दोनों बेटे रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड से बाहर हुए
- इन खबरों से परेशान कर्मचारी नई नौकरी ढूढ़ने लगे हैं
अनिल अंबानी ने हाल में लंदन की एक अदालत को बताया कि उनका नेटवर्थ जीरो है. यानी उनके पास जितने मूल्य की संपत्ति है, उतनी ही उनपर देनदारी भी है. उनके दोनो बेटे रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड से बाहर हो गए हैं. इन खबरों से अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के कर्मचारियों में हताशा है और बड़ी संख्या में लोग दूसरी नौकरियों की तलाश कर रहे हैं. कंपनी के एक आंतरिक सूत्र ने यह जानकारी दी है.
कंपनी के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक, अनिल अंबानी समूह की कंपनियों-रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पावर और रिलायंस कैपिटल के कर्मचारी समूह की वित्तीय हालत और अपनी नौकरी को लेकर काफी चिंतित हैं. बहुत से कर्मचारी लंबे समय से नौकरी की तलाश में हैं, हालांकि मैनेजमेंट उन्हें बार-बार आश्वस्त कर रहा है कि उन्हें नौकरी छोड़ने की जरूरत नहीं है.
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अनिल ने क्यों बताया था अपने को कंगाल
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते लंदन के कोर्ट में अनिल अंबानी के वकीलों ने यह दावा किया था कि अंबानी दिवालिया हो चुके हैं और उनका नेटवर्थ शून्य है. दरअसल, लंदन कोर्ट में चीन के शीर्ष बैंकों ने एक अर्जी दायर की थी. इसी अर्जी पर सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी के वकीलों ने ये बात कही है.
इंडस्ट्रियल ऐंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्जिम बैंक ऑफ चाइना ने कोर्ट से अंबानी के खिलाफ पैसा जमा कराने का आदेश जारी करने की अपील की थी. इन बैंकों का कहना है कि अनिल अंबानी ने फरवरी, 2012 में पुराने कर्ज को चुकाने के लिए करीब 92.5 करोड़ डॉलर के कर्ज के लिए कथित तौर पर व्यक्तिगत गारंटी का पालन नहीं किया है. इसी मामले में चीन के शीर्ष बैंकों ने अनिल अंबानी से 68 करोड़ डॉलर की वसूली की मांग की है.
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कर्मचारी परेशान क्यों हैं
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के एक कर्मचारी ने बताया, ‘कर्मचारियों में दहशत है, क्योंकि समूह की कंपनियों में उनका करियर अनिश्चित दिख रहा है. बाहर भी नौकरी के अवसर बंद हो गए हैं, इसलिए हमारे लिए इस कठिन दौर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है.’
क्या कहा कंपनी ने
इस बारे में जानकारी के लिए समूह की कंपनियों के एक प्रवक्ताओं को हमारे सहयोगी प्रकाशन बिजनेस टुडे द्वारा भेजे गए ई-मेल का कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है. हालांकि, इनमें से एक ने यह कहा कि कंपनी किसी को बाहर जाने को नहीं कह रही है. कर्मचारियों का वेतन भी समय से मिल रहा है. समूह में करीब 35 हजार कर्मचारी हैं.
(www.businesstoday.in से साभार)