Sunday, November 24, 2024
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अमेरिका को ईरान का जवाब- ट्रंप को बताया सूट-बूट वाला आतंकी – Donald trump is a terrorist in a suit like isis like hitler like genghis says mohammad javad azari jahromi

  • ISIS, हिटलर और चंगेज खान सभी सभ्यता विरोधी थे
  • ट्रंप भी उसी तरह से एक आतंकी है जिसने सूट पहन रखी है

ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराए जाने के बाद से ईरान और अमेरिका के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकाते हुए कहा है कि उन्होंने ईरान के 52 स्थान की पहचान कर रखी है, इसलिए बदले की नीयत से कोई भी कार्रवाई न करें. वहीं दूसरी तरफ ईरान ने ट्रंप को ‘सूट वाला आतंकी’ बताते हुए कहा है कि उन्हें जल्द ही हम अपना इतिहास बताएंगे.

ईरान के सूचना और दूरसंचार मंत्री मोहम्मद जावेद अज़ारी-जहरोमी ने ट्विटर पर लिखा, ‘ISIS, हिटलर और चंगेज खान सभी सभ्यता विरोधी थे. ट्रंप भी उसी तरह से एक आतंकी है जिसने सूट पहन रखा है. उसे जल्द ही सबक सिखाया जाएगा और बता दिया जाएगा कि महान सभ्यता वाले राष्ट्र ईरान को कोई नहीं हरा सकता.’

बता दें कि अमेरिका ने शुक्रवार (3 दिसंबर) को मिसाइल से हमला कर ईरान समर्थित कुद्स जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था. अमेरिका ने यह हमला तब किया, जब जनरल सुलेमानी बगदाद एयरपोर्ट पर रक्षक दल के साथ पहुंचे थे.

कुद्स फोर्स के कमांडर थे जनरल कासिम सुलेमानी

बता दें कि जनरल कासिम सुलेमानी कुद्स फोर्स के कमांडर थे. यह फोर्स ईरान की सबसे प्रमुख सैन्य शक्ति है. इसका सीधा संपर्क सर्वोच्च धार्मिक, राजानीतिक और आर्थित नेताओं से होता है. ईरान ने 1979 की क्रांति के बाद इस्लामिक व्यवस्था की रक्षा के लिए इसका गठन किया था. इसे इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर कहा जाता है. जनरल सुलेमानी की मदद से ही इराक, इस्लामिक स्टेट (ISIS) को भगाने में कामयाब रहा.  

ईरान के कई नेताओं ने अमेरिका को कठोर बदला की दी है धमकी

अमेरिका के इस हमले के बाद से ईरान बौखलाया हुआ है. वहां के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतोल्लाह अली खमेनेई ने कहा है, “सुलेमानी की हत्या का ‘कठोर बदला’ लिया जाए.”

वहीं ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि ‘अमरीका ने सुलेमानी की हत्या कर बड़ी गलती कर दी है.’

बदला लिया तो 52 ठिकानों पर होगा हमला: ट्रंप

ईरान के अलग-अलग नेताओं ती तरफ से आ रहे लगातार प्रतिक्रियाओं के जवाब में अमेरिका ने कहा है कि ‘ईरान ने अगर अमरीका की किसी भी संपत्ति को छुआ तो अमरीका बहुत कठोर और बहुत तीव्र जवाब देगा.’

ट्रंप ने शनिवार को ट्विटर पर कहा, “इसे एक चेतावनी समझें कि अगर ईरान ने किसी अमेरिकी व्यक्ति या संपत्ति पर हमला किया तो हमने ईरान के 52 ठिकानों पर निशाना लगाया हुआ है, जिनमें कुछ ईरान के लिए काफी उच्च स्तरीय और महत्वपूर्ण हैं, और ईरान की संस्कृति, उन लक्ष्यों और खुद ईरान पर बहुत तेज और बहुत ही मारक हमला होगा.”

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा, “अमेरिका और ज्यादा धमकी नहीं चाहता.”

ट्रंप को लगता है कि “बगदाद में सुलेमानी और इराकी पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स के उपाध्यक्ष अबु महदी अल-मुहांदिस की हत्या के बाद ईरान अमेरिका की विशेष संपत्तियों पर निशाना लगाने के बारे में काफी बेबाकी से बोल रहा है.”

ट्रंप ने इराक में सैन्य शिविर पर 27 दिसंबर को हुए हमले में मारे गए अमेरिकी कॉन्ट्रेक्टर की मौत के लिए एक बार फिर सुलेमानी को जिम्मेदार ठहराया.

हालांकि शुक्रवार को राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने ‘युद्ध शुरू करने के लिए नहीं बल्कि रोकने के लिए’ इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर सुलेमानी को मारने का आदेश दिया था.

ट्रंप प्रशासन के मुताबिक सुलेमानी की हत्या का उद्देश्य आगामी हमले को रोकना था. उनके अनुसार इस हमले से मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना और राजनयिकों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती. मध्य पूर्व में अमेरिका के 60 से 70 हजार सैनिक तैनात हैं.

उन्होंने कहा कि साल 1979 में संकट के समय तेहरान में अमेरिका के 52 राजनयिकों और नागरिकों को बंधक बना लिया गया था जिसके बाद दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्ते बहुत नाजुक हो गए थे.

अमेरिका ने क्यों किया हमला?

यह उस हमले की जवाबी कार्रवाई थी, जिसमें दो दिन पहले एक अमेरिकी कांट्रेक्टर की मौत हो गई थी. इसी दौरान यह बात उभर कर आई कि क्या सुलेमानी को खत्म कर देना चाहिए, जो कि इन हमलों का तानाबाना बुन रहा है और जिसकी वजह से अमेरिकी कांट्रेक्टर की मौत हुई थी. अमेरिकी सैन्य लीडरों ने अमेरिकी कांट्रेक्टर की मौत के पीछे सुलेमानी का होना बताया था और इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सुलेमानी जीवित रहा तो और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना सकता है.

ऐसे में यह सवाल उठता है कि पर्शियन की खाड़ी में बहुत सारे हमलों को बर्दाश्त करने वाले ट्रंप ने आखिरकार यह फैसला अचानक कैसे ले लिया कि सुलेमानी को खत्म कर दो? इस फैसले को सुनकर कुछ ने कहा कि यह फैसला सुनकर वह आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि इससे अमेरिका के पुराने दुश्मन माने जाने वाले ईरान के साथ युद्ध की शुरुआत हो सकती है.

अमेरिका के अग्रणी समाचार पत्र-वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, ट्रंप के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में शामिल अमेरिकी प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “यह काफी बोल्ड निर्णय था और हम सभी आश्चर्यचकित रह गए.”

आखिर ट्रंप ने सुलेमानी के खात्मे के लिए इस समय का चुनाव क्यों किया? शुक्रवार को जब अमेरिकी विदेश विभाग ने संवाददाताओं से कहा कि ईरान इस तरह साजिश कर रहा था कि जिससे सैकड़ों अमेरिकियों को मौत के घाट उतारा जा सके. हालांकि उन्होंने इसका विवरण देने से इनकार कर दिया.

विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मीडिया से कहा कि सुलेमानी इस क्षेत्र में अमेरिका के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले की साजिश रच रहा था और अगर यह सैकड़ों अमेरिकियों नहीं तो दर्जनों अमेरिकियों की हत्या से जुड़ा था. उन्होंने कहा, “हमें पता था कि यह अश्वयंभावी है.”

हालांकि ट्रंप के साथ मीटिंग में मौजूद लोग, स्पेशिफिक टारगेट बता नहीं पाए लेकिन उन्होंने कहा कि यह होना ही है.

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