- सेना प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
- सेना प्रमुख बोले- महिला अफसरों को भी बराबर मौके
सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय सेना किसी के साथ भी धर्म, जाति या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती है. उन्होंने कहा कि सेना में महिला अफसरों को भी बराबर मौके दिए जा रहे हैं और करियर में आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सेना महिला अफसरों को रैंक के लिए पहल कर चुकी थी और 100 महिला अफसरों के पहले बैच की मिलिट्री पुलिस सेंटर में ट्रेनिंग चल रही है.
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पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर भी बोले सेना प्रमुख
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की नापाक साजिशों पर सेना प्रमुख ने कहा कि अब चीन भी ये मान चुका है कि वह हर स्थिति में पाकिस्तान का साथ नहीं दे सकता. अगर FATF पाकिस्तान पर सख्ती दिखाता है तो उसे अपनी हरकतों के बारे में सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा. हालांकि सेना प्रमुख ने कहा कि घाटी में आतंकी वारदातों को कम करने में FATF भी एक फैक्टर है. नरवणे ने कहा कि हमारे पास इनपुट हैं और हम पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम से पहले उन पर कार्रवाई कर सकते हैं.
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थल सेना भवन को लेकर कही यह बात
प्रस्तावित सेना भवन के सवाल पर नरवणे ने कहा कि थल सेना भवन से आर्मी हेडक्वार्टर के ऑफिस एक छत के नीचे जाएंगे जिससे कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसके जरिए सभी जरूरतों को एक साथ पूरा किया जा सकेगा और जवानों को अपने परिवार के लिए ज्यादा वक्त मिल पाएगा.