नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी रोकने के लिए दुनिया भर के देशों ने कई सख्त नियम बनाए हैं और पालन न करने वालों के लिए जुर्माने या सजा का प्रावधान भी कर रहे हैं. कोविड-19 के कारण अपने देश के 5000 से ज्यादा नागरिकों को गंवाने वाले जर्मनी ने तो मास्क न पहनने पर बड़ा जुर्माना लगा दिया है.
जर्मनी उन देशों में शामिल है, जिसके कोरोना वायरस से निपटने के तरीकों की आलोचकों और विश्लेषकों दोनों ने सराहना की है. अब इस देश ने सभी के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है.
ये भी पढ़ें: होम आइसोलेशन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन, बेहद जरूरी है जानना
हालांकि पिछले हफ्ते से ही जर्मनी ने लोगों पर लगाये गये प्रतिबंधों को कम करना शुरू कर दिया है. जिसमें 8,600 वर्ग फुट से बड़ी सभी दुकानों को फिर से खोलने की अनुमति देना शामिल है. इसके अलावा पूरे देश में सभी कार डीलर और साइकिल स्टोर भी खुल गए हैं.
लेकिन जर्मनी ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एक नियम को खासी सख्ती से लागू कर दिया है. उसने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और ऐसा न करने पर 5,412 डॉलर का जुर्माना लगाया है. अपने एहतियाती उपायों के तहत, जर्मनी ने उन लोगों के पर 16 से 5,412 डॉलर के बीच जुर्माना लगाया है जो मास्क नहीं पहने थे. यानि कि भारतीय करंसी में बात करें तो जुर्माना 30 हजार रुपए से अधिक का है.
भले ही देश के 16 राज्यों में कोई जुर्माना नहीं लग रहा है लेकिन बाकी राज्यों ने मास्क को लेकर विभिन्न प्रकार के जुर्माने लगाए हैं. जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने यह सुनिश्चित करने के लिए इस नियम की घोषणा की है कि प्रतिबंधों में ढील देने से कहीं देश में फिर से कोरोनावायरस की लहर न लौट आए.
मार्केल ने 15 अप्रैल को घोषणा करते हुए कहा था, ‘यह अनुशंसा की जाती है कि सार्वजनिक परिवहन में और खरीदारी करते समय मास्क का उपयोग किया जाए.’
जब कुछ बड़े स्टोर के फिर से खुलने की खबरें आईं, तो उन्होंने जल्द ही चेतावनी दी और कहा, ‘उनके फिर से खुलने से मुझे चिंता हो रही है. वैसे प्रतिबंधों में ढील देने के ये कदम छोटे दिखते हैं लेकिन ये बहुत भारी पड सकते हैं.’
बता दें कि अमेरिका की तरह जर्मनी में विकेंद्रीकृत प्रणाली है. यहां राज्य कई नियम-कानूनों के पालन को लेकर स्वतंत्र होते हैं. ऐसे में किसी भी राज्य को मास्क अनिवार्य करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. फिर भी कई राज्यों ने इस नियम को अलग-अलग तरीकों से दंड के साथ लागू किया है.
जैसे बर्लिन राज्य में, मास्क अनिवार्य नहीं हैं. यहां लोग अपने चेहरे को कवर किए बिना सार्वजनिक परिवहन पर सवार हो सकते हैं. हालांकि, कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुए राज्य बावरिया ने अपने यहां चेहरे को ढंकना अनिवार्य कर दिया है. यहां जो स्टोर मालिक सोशल डिस्टेंसिंग और चेहरे को ढंकने के नियमों का पालन कराने में असफल रहे, उन पर 5,412 डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया गया है.
हालांकि यह जरूरी नहीं है कि सर्जिकल मास्क ही पहना जाए बल्कि चेहरे को ढंकना अनिवार्य किया गया है.
LIVE TV