ईरान (Iran) में पेट्रोल के तेजी से बढ़ते दामों के विरोध में प्रदर्शनों और उसके बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कम से कम 208 लोगों की मौत हो गई है. मानवाधिकारों पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यह जानकारी दी है.
बंद पड़ा था इंटरनेट, चालू हुआ सामने आये वीडियों
ईरान में पेट्रोल के दाम बढ़ाने पर 15 नवंबर से शुरू हुए इन प्रदर्शनों पर अभी तक राष्ट्रव्यापी आंकड़ें जारी नहीं किए हैं. ईरान ने प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट बंद कर दिया जिससे लोग वीडियो और जानकारी शेयर नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही बाहर की दुनिया को भी इन प्रदर्शनों और हिंसा के बारे में जानने से रोक दिया. हालांकि हाल के दिनों में इंटरनेट बहाल किए जाने के बाद प्रदर्शनों के वीडियो सामने आए हैं.
पेट्रोल के दाम को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन
एमनेस्टी में ईरान के शोधार्थी मंसूरेह मिल्स ने कहा कि हमने देखा कि एक सप्ताह के भीतर ही 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई. यह इस्लामिक गणतंत्र में मानवाधिकार उल्लंघन के इतिहास में अभूतपूर्व घटना जैसा है. हालांकि, इस बार के प्रदर्शन में उतने लोग सड़कों पर नहीं उतरे जितने 2009 के विवादित राष्ट्रपति चुनाव में आए थे लेकिन फिर भी पेट्रोल के दाम को लेकर यह प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गया.
UN ने आंकड़ो को बताया अप्रमाणिक
एमनेस्टी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि तेहरान के उपनगर शहरयार में दर्जनों लोगों की मौत हुई. यह संभवत: उन इलाकों में से एक है जहां प्रदर्शनों में सबसे अधिक लोग मारे गए. शहरयार में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र (United Nation) में ईरान के मिशन ने एमनेस्टी के आंकड़ों को अप्रमाणित बताया है. ये प्रदर्शन तब शुरू हुए जब सरकार ने पेट्रोल के न्यूनतम दाम 50 प्रतिशत तक बढ़ाकर 15,000 रियाल प्रति लीटर कर दिए. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इंटरनेट के बंद करने पर कहा था कि ईरान इतना अधिक अस्थिर हो चुका है कि शासन ने पूरी इंटरनेट प्रणाली को ठप करवा दिया ताकि ईरान की जनता देश में जारी भयंकर हिंसा के बारे में बात भी नहीं कर पाए.