- कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट का देवेंद्र फडणवीस पर बड़ा दावा
- देवेंद्र फडणवीस ने सीएम रहते हुए अंडरवर्ल्ड डॉन से की मुलाकात
शिवसेना सांसद संजय राउत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर किए गए एक दावे ने सियासी तूफान ला दिया है. संजय राउत ने बुधवार को कहा कि इंदिरा गांधी डॉन करीम लाला से मिलने मुंबई आती थीं. उनके इस दावे के बाद से राजनीतिक बयानबाजी जारी है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और मंत्री बाला साहेब थोराट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को लेकर दावा किया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि देवेंद्र फडणवीस जब मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो उन्होंने एक कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन से मुलाकात की थी.
यह भी पढ़ें: सामने आई इंदिरा गांधी और करीम लाला की तस्वीर, राउत के बयान से मचा है सियासी बवाल
कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में लिखा कि देवेंद्र फडणवीस ने न केवल एक अन्य अपराधी मुन्ना यादव को संरक्षण दिया बल्कि उसे सरकारी बोर्ड में नियुक्त किया. फडणवीस को इस विषय पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
Infamous underworld don met Devendra Fadnavis at Varsha when he was CM. He not only protected another criminal Munna Yadav but appointed him on government board. Fadnavis has no moral right to speak on this subject.
— Balasaheb Thorat (@bb_thorat) January 16, 2020
बाला साहेब थोराट ने कहा कि इंदिरा गांधी एक शक्तिशाली राष्ट्रीय नेता थीं. 1975 में उन्होंने मुंबई के अंडरवर्ल्ड की रीढ़ तोड़ दी और तस्करी के गिरोहों को खत्म कर दिया. उन्होंने करीम लाला, हाजी मस्तान और यूसुफ पटेल जैसे अपराधियों को जेल में डाला और कानून व्यवस्था लागू की.
क्या है मामला?
शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीते दिनों एक कार्यक्रम में बयान दिया था. संजय राउत ने दावा किया था कि इंदिरा गांधी मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं. एक दौर था जब दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, शरद शेट्टी मुंबई पुलिस के कमिश्नर तय किया करते थे. इसी के साथ उनका काम सरकार में मंत्रियों का नाम भी तय करना था.
हालांकि कांग्रेस की ओर से जताई गई आपत्ति के बाद संजय राउत ने बयान वापस ले लिया. लेकिन अब एक तस्वीर भी सामने आई है. जो तस्वीर सामने आई है उसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ करीम लाला दिख रहा है. तस्वीर में तीसरे शख्स ह्रदयनाथ चटोपाध्याय भी दिख रहे हैं. ये तस्वीर 1973 की है जब कवि ह्रदयनाथ चटोपाध्याय को भारत सरकार की ओर से पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.