दिल्ली में हत्या और बलात्कार के मामलों में 75 प्रतिशत से भी अधिक की कमी आई है. (प्रतीकात्मक फोटो)
कवर्धा पुलिस (Kawardha) ने सरपंच पति गोलीकांड मामले का खुलासा किया है. मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार (Arrest) किया गया है.
कवर्धा. कवर्धा पुलिस (Kawardha) ने सरपंच पति गोलीकांड मामले का खुलासा किया है. मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार (Arrest) किया गया है. पांच लाख रूपए की सुपारी लेकर हत्या (Murder) की नियत से गोलीकांड को अंजाम दिया गया. हालांकि पीड़ित घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ था. उसकी हालत अभी ठीक है. पकड़े गए तीनों आरोपी यूपी के रहने वाले हैं. आरोपियों से दो देशी कट्टे और जिंदा कारतूस बरामद किया गया है. आरोपियों से एक हजार नगद राशि भी मिला है. घटना के करीब 34 दिन बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंच सकी है. हत्या के लिए सुपारी देने वाले पीड़ित के बड़े भाई ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है. जमीन विवाद के चलते इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है.
भाई ने करवाया था छोटे भाई पर हमला
कवर्धा के पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना 17 मार्च 2020 की है जहां तीन लोगों ने ग्राम पंचायत जिंदा के सरपंच पति बिसेन कौशिक पर दो गोली मारकर फरार हो गए थे. पीड़ित बिसेन कौशिक के बड़े भाई टेकराम कौशिक ने ही यूपी के तीन शूटरों को पांच लाख की रकम में अपने छोटे भाई की हत्या की सुपारी दी थी. पचास हजार एडवांस दिया था. साढ़े चार लाख घटना के बाद देने की बात तय हुई थी.पुलिस ने बताया कि टेकराम कौशिक का आरोपी मुन्ने के साथ दोस्ती थी. मुन्ने कवर्धा बस स्टैण्ड में फल की दुकान लगाता था जहां टेकराम का आना जाना था. उसने अपने भाई द्वारा परेशान किए जाने और जमीन विवाद होना बताया था. जिस पर मुन्ने ने मौके का फायदा उठाते हुए टेकराम को उसके छोटे भाई की हत्या करने के लिए बाहर से आदमी बुलाने की सलाह दी.
यूपी से आए थे शूटर
एसपी के मुताबिक टेकराम सुपारी देने के लिए राजी हो गया. पांच लाख में बड़े भाई ने अपने ही छोटे भाई की हत्या की सुपारी दी. मुन्ने ने अपने यूपी के दो साथी कृष्ण कुमार तिवारी,आशुतोष तिवारी से संपर्क किया. आरोपियों ने एक माह रेकी कर घटना को अंजाम दिया. घटना के एक सप्ताह बाद पीड़ित के बड़े भाई टेकराम कौशिक ने ग्लानिवश जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस को शक था, जिसके आधार पर पूछताछ कर रही थी. इस बीच पुलिस सरगर्मी से शूटरों की तलाश कर थी. काफी खोजबीन के बाद तीनों आरोपियों को मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने मोबाइल डिटेल के आधार पर सभी आरोपियों के आपस में कनेक्शन होने के पुख्ता जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया. इसके लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था जो लगातार एक माह तक सघन जांच पड़ताल के बाद मामले की तह तक पहुंची.
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First published: April 21, 2020, 9:26 PM IST