- थकान, खांसी और सांस की दिक्कत बरकरार
- ज्यादा लंबी हो रही है कोरोना मरीजों की रिकवरी
कोरोना वायरस से एक बार संक्रमित हो गए तो कुछ न कुछ दिक्क्तें आपको ठीक होने के बाद भी लगी रहेंगी. इटली में कोरोना से ठीक हुए मरीजों के सामने ऐसी दिक्कतें आ रही हैं. कई मरीज अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं. जबकि वे हफ्तों पहले पॉजिटिव पाए गए थे. उनकी हालत गंभीर नहीं है लेकिन उन्हें थकान, सांस लेने में दिक्कत, खांसी जैसी समस्याओं ने जकड़ रखा है.
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार 59 वर्षीय मोरेना कोलोंबी 16 मार्च को कोरोना वायरस से निगेटिव घोषित कर दी गई थीं. इसके बावजूद अब तक पूरी तरह से सेहतमंद नहीं हो पाई हैं. उन्हें अब भी खांसी आती है. कमजोरी और थकान महसूस होता है.
“It never finishes.” Some people who survive the coronavirus find that even after they no longer have it, the debilitating symptoms linger. https://t.co/vWwuVWRaos
— New York Times World (@nytimesworld) May 10, 2020
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कोरोना से बीमार होने के करीब पांच हफ्ते बाद मोरेना कोलोंबी उस कॉस्मेटिक कंपनी के लिए रंग बनाने का काम करने गईं लेकिन थोड़ी देर भी काम नहीं कर पाईं. थक गईं. उनकी सांस फूलने लगी. थोड़ा सा भी चलती थीं तो मांसपेशियों में दर्द होने लगता था.
मोरेना कोलोंबी इटली के मिलान शहर के उत्तर में स्थित शहर ट्रुकाजानो में रहती हैं. कोलोंबी कहती है कि मुझे लगता है कि अब मैं वापस कभी उस हालत में नहीं लौट पाउंगी जैसी मैं कोरोना वायरस से बीमार होने से पहले थी.
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इटली पहला यूरोपियन देश था जहां कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा बुजुर्गों की मौत हुई थी. उसके बाद यह स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका में तेजी से फैल गई. अब इटली की सबसे बड़ी समस्या ये है कि मरीजों का रिकवरी करने का समय बहुत ज्यादा हो गया है.
कोरोना से संक्रमित मरीज जिन्हें बाद में ठीक करार दे दिया गया वो अब भी खराब सेहत की वजह से परेशान हैं. उनमें अब भी कोरोना के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. ये माना जा रहा है कि ऐसे मरीजों को ठीक होने में अब भी कई हफ्ते लग जाएंगे.
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इटली में कोरोना वायरस निगेटिव करार दिए जा चुके मरीजों की हालत बहुत खराब है. उन्हें इस बात का डर है कि कहीं वे सेहत और पैसा दोनों ही न खो दें. क्योंकि ऐसे व्यक्तियों में थकान, खांसी और सांस फूलने की दिक्कत लगातार बनी हुई है.
इटली के लोम्बार्डी स्थित सैन मैटियो अस्पताल के निदेशक एलेसांड्रो वेंतुरी ने बताया कि हम कई मरीजों को देख रहे हैं जिन्हें रिकवर होने में बहुत समय लग रहा है. ये बीमारी नहीं है जो 60-60 दिनों तक मरीजों में टिकी है. ये उसके होने का लक्षण है और ये काफी लंबे दिन तक चल रहा है.