- कोरोना के खतरे को देखते हुए रिहा किए जाएंगे बाल कैदी
- प्रदेश के बालगृहों में करीब 30,000 बच्चे हैं बंद
कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए देश के अलग-अलग राज्यों की जेलों से कैदियों को रिहा किया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में करीब 359 बाल कैदी छोड़े जाएंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद बालगृह से इन कैदियों की रिहाई होगी. इन कैदियों को अलग-अलग अपराधों में तीन साल तक की सजा मिली है.
प्रदेश के बालगृहों मे करीब 30,000 बच्चे बंद हैं. कोर्ट ने ये फैसला कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लिया है. हाईकोर्ट के जज ने यूपी सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ये आदेश दिया. ठीक व्यवहार वाले बच्चों को ही मुक्त किया जाएगा.
योगी सरकार ने इससे पहले भी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद 11 हजार कैदियों को 8 सप्ताह के लिए निजी मुचलके पर रिहा करने का फैसला लिया था. सात साल से कम सजा वाले अपराधों के लिए जेल में बंद इन कैदियों की रिहाई सोमवार से शुरू हो गई.
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वहीं, दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी 3000 कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया था. इनमें से 1500 कैदी ऐसे हैं जिन्हें कोर्ट से अलग-अलग अपराधों में सजा हो चुकी है. इन्हें पेरोल या फरलो पर रिहा किया जा रहा है.
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तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मरीज
देश में कोरोना वायरस वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. देश में कोरोना पॉजिटिव पेशेंट की संख्या 2500 के पार हो चुकी है. वहीं, 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 14 राज्यों में तबलीगी जमात से जुड़े 647 मरीज आए सामने आए हैं. एक गलती की वजह से इतने मामले बढ़ गए. अब अगर इस तरह की गलती हुई तो हम और पीछे चले जाएंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि तबलीगी जमात की वजह से पिछले दो दिनों में 14 राज्यों में 647 केस कोरोना के मिले हैं.