भोपाल. विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदियों में से एक भोपाल गैस त्रासदी की 35वीं बरसी पर मंगलवार को भोपाल में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए त्रासदी में जान गंवाने वाले हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही हैं। वहीं कुछ संगठनों का बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी दो तीन दिनों से चल रहा है। राज्यपाल लालजी टंडन की मौजूदगी में यहां दिवंगत व्यक्तियों की स्मृति में सेंट्रल लाइब्रेरी में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है, जिसमें धर्माचार्यों द्वारा पाठ कर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस त्रासदी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यूनियन कर्बाइड फैक्ट्री को पीड़ितों की स्मृति में मेमोरियल बनाने की मांग रखी है।
अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है डाव केमिकल्स
गैस पीडि़तों के हक में सालों से कार्य कर रहे संगठनों का पिछले तीन दिनों से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी जारी है। इन संगठनों का कहना है कि गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार बहुराष्ट्रीय कंपनी डाव कैमिकल्स अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है और वह पीड़ितों को पूर्ण राहत मुहैया नहीं करा रही है। इसके लिए वे केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को भी जिम्मेदार मानते हैं। अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड का बाद में डाव कैमिकल्स ने अधिग्रहण कर लिया था।
मुख्यमंत्री ने जब्बार भाई को याद किया
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल गैस त्रासदी के शिकार निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने लोगों से पर्यावरण प्रदूषण के प्रति हमेशा सतर्क, सजग रहने का आह्वान किया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि विश्व की सबसे भीषणतम औद्योगिक त्रासदी में हमने जो भयानक दुष्परिणाम देखे हैं, वह सभी के लिए एक सबक है। त्रासदी ने भोपाल के रहवासियों को गहरे जख्म दिए हैं। राहत-पुनर्वास के साथ बेहतर इलाज प्रभावितों को मिले, इसकी जिम्मेदारी सरकार की है। भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक स्व. अब्दुल जब्बार गैस पीड़ितों, विशेषकर महिलाओं के राहत-पुनर्वास और इलाज के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया। आज के दिन उनकी बरबस याद आ रही है।
यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री को ‘मेमोरियल’ बनाने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से निवेदन किया है कि यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री स्थल की साफ सफाई करवाकर इसे त्रासदी से प्रभावित परिवारों की स्मृति में ‘मेमोरियल’ बना दिया जाए। भोपाल गैस त्रासदी की 35वीं बरसी के मौके पर सिंह ने अपने ट्वीट में कहा ‘मुख्यमंत्री कमलनाथ से दो निवेदन हैं। एक यूनियन कार्बाइड के फैक्ट्री स्थल को साफ़ कर त्रासदी से प्रभावित परिवारों की स्मृति में ‘मेमोरियल’ बनाएं। दूसरा गैस त्रासदी से प्रभावित परिवारों के इलाज के लिए अस्पताल को ‘सुपर स्पेशल्टी पीजी इंस्टिट्यूट’ बनाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया है।’
मुमं कमल नाथ जी से दो निवेदन हैं
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 3, 2019
१- यूनियन कार्बाईड की फेक्टरी स्थल को साफ़ कर त्रासदी से प्रभावित परिवारों की स्मृति में Memorial बनायें
२- गैस त्रासदी से प्रभावित परिवारों के इलाज के लिए अस्पताल को Super Specialty PG Institute बनाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करें।
आज भी झेल रहे हैं गैस का दुष्प्रभाव
कीटनाशक बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनियन कार्बाइड के यहां स्थित संयंत्र से वर्ष 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरम्यानी रात्रि में जहरीली गैस मिथाइल आइसो सायनेट (मिक) के रिसाव की वजह से हजारों लोगों की मौत हो गयी थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे। गैस की चपेट में आने वाले शहर के हजारों नागरिक 35 साल बाद आज भी उसके दुष्प्रभाव झेल रहे हैं। गैस रिसाव के दौरान शहर में सड़कों पर भागते, हांफते हजारों लोगों ने दम तोड़ दिया था। इसके अलावा हजारों लोग गैस के प्रभाव के चलते नींद के दौरान ही चिरनिद्रा में लीन हो गए थे।
सरकार ने 3787 लोगों के मरने की पुष्टि की थी
मध्यप्रदेश की तत्कालीन सरकार ने 3,787 की गैस से मरने वालों के रूप में पुष्टि की थी। अन्य अनुमान बताते हैं कि 8000 लोगों की मौत तो दो सप्ताहों के अंदर हो गई थी और लगभग अन्य 8000 लोग तो रिसी हुई गैस से फैली संबंधित बीमारियों से मारे गये थे। 2006 में सरकार द्वारा दाखिल एक शपथ पत्र में माना गया था कि रिसाव से करीब 558,125 सीधे तौर पर प्रभावित हुए और आंशिक तौर पर प्रभावित होने की संख्या लगभग 38,478 थी। 3900 तो बुरी तरह प्रभावित हुए एवं पूरी तरह अपंगता के शिकार हो गए।