Belgian Church Sexual Abuse Case: दुनिया में ईसाई मजहब के सबसे बड़े नेता पोप फ्रांसिस शुक्रवार को बेल्जियम की यात्रा पर पहुंचे. लेकिन वहां पर उनके साथ जो हुआ, वो उन्होंने सपनों में नहीं सोचा होगा. कैथोलिक चर्चों में होने वाली महिलाओं के यौन शोषण की घटनाओं पर बेल्जियम के पीएम अलेक्जेंडर डी क्रू ने उन्हें जमकर सुना दिया. उन्होंने चर्चों में यौन शोषण की घटनाओं को छिपाने की भयावह परिपाटी को लेकर पोप फ्रांसिस पर निशाना साधा. साथ ही इस संबंध में ठोस कदम उठाने और पीड़िताओं के हितों को प्राथमिकता देने की मांग की है.
बेल्जियम के पीएम ने पोप को खूब सुनाया
प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने शुक्रवार को फ्रांसिस की यात्रा की शुरुआत के मौके पर यह बात कही. क्रू का भाषण, पोप की किसी विदेश यात्रा के दौरान उनपर अब तक दिए गए सबसे तीखे भाषणों में से एक था, जबकि राजनयिक प्रोटोकॉल के अनुसार सार्वजनिक भाषणों से आक्रोश को आमतौर पर दूर रखा जाता है.
राजा ने भी फ्रांसिस को कराया सच का सामना
केवल प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि बेल्जियम के राजा फिलिप ने भी पोप फ्रांसिस को जमकर आईना दिखाया. उन्होंने पोप के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तमाल करते चर्च से प्रायश्चित करने और पीड़ितों की मदद के लिए अनवरत काम करने की मांग की थी. हालांकि फ्रांसिस पर इन आलोचनाओं का खास असर पड़ता नहीं दिखा. उन्होंने पीएम क्रू के भाषण के अंत में तालियां बजाईं.
पीड़ितों की आवाज सुनने की जरूरत
पोप फ्रांस को सुनाते हुए बेल्जियम के पीएम क्रू ने कहा, ‘आज केवल शब्द पर्याप्त नहीं हैं. हमें ठोस कदम उठाने की जरूरत है. पीड़ितों की आवाज सुनने की जरूरत है. उनको केंद्र में रखने की जरूरत है. उन्हें सच जानने का अधिकार है. दुराचार का पता लगाने की जरूरत है.’ उन्होंने राजपरिवार के सदस्यों, चर्च के पदाधिकारियों, राजनयिकों और राजनेताओं समेत अन्य श्रोताओं के सामने यह बात कही.
दुनिया में ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पर सीधा निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,‘जब कुछ गलत होता है तो हम उसे छिपाने की कोशिश नहीं कर सकते. चर्च को अपने अतीत से पाक-साफ होकर बाहर निकलना होगा.’
पोप पर क्यों भड़के बेलज्यिम के नेता?
बेल्जियम के भयावह यौन शोषण कांड के खुलासे 25 साल से भी अधिक समय से सामने आ रहे हैं, जिसमें 2010 का एक बड़ा कांड भी शामिल है, जब देश में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले बिशप, ब्रुगेस बिशप रोजर वांगेलुवे को बिना किसी सजा के इस्तीफा देने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने अपने भतीजे का 13 साल तक यौन शोषण करने की बात स्वीकार की थी.
(एजेंसी भाषा)
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