नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित अंतरराष्ट्रीय संघ iCONGO की ओर से प्रियंका बिस्सा को कर्मवीर चक्र सम्मान से सम्मानित किया गया । यह सम्मान नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय रेक्स कर्मवीर ग्लोबल फैलोशिप के दौरान प्रदान किया गया । कर्मवीर चक्र पुरस्कार वैश्विक नागरिक सम्मान एनजीओ के अंतरराष्ट्रीय संघ द्वारा संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी में समाज में बड़े बदलाव लाने वाले लोगों के अथक साहस के लिए दिया जाता है । पूर्व में यह सम्मान भारत के 11वे पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व डायरेक्टर डेविड नूर,पूर्व अमेरिकी राजदूत और समाजसेवी जॉन ग्रैहम को सम्मानित किया गया है । तथा वर्तमान में यह पुरस्कार भारत के 11 वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि है , जिन्होंने पुरस्कारों के लिए राजदूत बनने और अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक ओलंपियाड के लिए प्रस्ताव दिया था।
“छत्तीसगढ़ की बेटी” के नाम से जाने जानी वाली प्रियंका बिस्सा , अपने देश, अपने राज्य का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोशन कर कर्मवीर चक्र से सम्मानित हुई है।
इस दौरान प्रियंका महिला एवं युवा सशक्तिकरण की जबरदस्त उदाहरण बनकर सामने आई । दुनिया भर से आए विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों में से कुछ चुनिंदा लोगों को अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए विशेष रूप से चयनित किया गया । जिसमें भारत से छत्तीसगढ़ की बेटी प्रियंका बिस्सा का भी चयन हुआ और उन्होंने छत्तीसगढ़ का परिचय देते हुए युवाओं को अवसर प्रदान हो , महिला सुरक्षा एवं बच्चों की शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचारों के साथ अपने कार्यों की भी जानकारी दी । उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में प्रियंका बिस्सा रायपुर की पहली छात्रा है जिसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त हुआ है । उनकी असाधारण सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें “राष्ट्रीय सेवा योजना2017-18 ” राष्ट्रीय पुरस्कार से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में 24 सितंबर 2019 को सम्मानित किया गया। भारत सरकार द्वारा युवाओं के लिए यह राष्ट्र का सर्वोच्च पुरस्कार है ।
प्रियंका बिस्सा कहती हैं कि वर्तमान परिपेक्ष में भारत का हर तीसरा व्यक्ति युवा हैं , वर्ष 2020 में औसतन व्यक्ति 29 वर्ष का होगा । उसने कहा कि देश की बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में जन समस्याए भी बढ़ रही हैं । युवा शक्ति के पास अपार दिशाएं हैं, लेकिन दिशा निदेशक का अभाव हैं । जिसके कारण प्रतिभावान युवा भी बेरोजगार होते जा रहे हैं । उन्होंने युवाओं से अपील की हैं कि वे जीवन में अपना लक्ष्य स्थापित कर लक्ष्य के प्रति ईमानदारी से काम करे तथा उसके लिए अपना 100 प्रतिशत दे दे तो सफलता मिलते देर नहीं लगेगी । साथ ही अपनी क्षमता एवं काबिलियत को किसी भी अन्य व्यक्ति से तुलना ना करें । स्वयं को सशक्त कर देश निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं ।