- पार्टी के लिए फायदेमंद बता रहे आम आदमी पार्टी के नेता
- कांग्रेस बोली- मोदी विरोधी माहौल का मिल रहा लाभ
एग्जिट पोल्स में दिल्ली की बाजी सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के हाथ लगती नजर आ रही है. एग्जिट पोल के परिणाम यदि नतीजों में बदलते हैं, तो दिल्ली का रण जीतने के बाद आम आदमी पार्टी की नजरें पंजाब पर रहेंगी. आप पंजाब के नेता दिल्ली के परिणामों का प्रदेश में सीधा और सकारात्मक असर पड़ने का दावा कर रहे हैं.
आप नेताओं के दावे को नकारा भी नहीं जा सकता. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि आप पंजाब में सरकार नहीं बना पाई, लेकिन मजबूत विपक्ष के रूप में जरूर उभरी. आप के प्रदेश उपाध्यक्ष अमन अरोड़ा के मुताबिक दिल्ली की जीत का सीधा असर पंजाब में दिखेगा, क्योंकि कांग्रेस की सरकार पंजाब और पंजाब के लोगों की माली हालत सुधारने में नाकाम रही है.
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उन्होंने दावा किया कि आप देश की राजनीति में राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है. यह पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री ने अपने काम पर वोट मांगे हैं. यह पहली बार है कि लोगों ने नेगेटिव एजेंडे को नकार दिया है. काम के नाम पर वोट दिया है. अरोड़ा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ दिल्ली के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश को एक संदेश दिया है.
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आप के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली के चुनाव परिणाम का पंजाब में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा. साल 1985-86 में पंजाब एक रेवेन्यू सरप्लस राज्य था. आज प्रदेश 2500 करोड़ रुपये का कर्जदार है. किसान और जवान बेहाल हैं. पंजाब के लोग बड़ी उम्मीद के साथ इन परिणामों का इंतजार कर रहे थे. अरविंद केजरीवाल ने विकास की राजनीति की दिल्ली में जो शुरुआत की है, उसका प्रभाव पंजाब में भी देखने को मिलेगा.
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आप के प्रदेश उपाध्यक्ष दावे तो कर रहे, लेकिन पंजाब में पार्टी की डगर इतनी आसान भी नहीं. पंजाब में आप का कुनबा बिखरा हुआ है. वहीं, अकाली दल ने आप पर हमला बोलते हुए कहा है कि वे प्रमुख राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा पाए. अकाली दल के नेता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी न तो विधानसभा के अंदर, ना ही बाहर ही जनता की उम्मीदों पर खरी उतरी.
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उन्होंने आप को ओवर एंबिशियस पार्टी बताते हुए कहा कि दिल्ली में इनके राजा अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री बनने के सपने देखने लगे और वाराणसी चले गए. जब लोगों ने आइना दिखाया, तब इन्हें समझ आया. चीमा ने कहा कि पंजाब में इनका प्रदर्शन बेहद खराब है और ये विपक्ष की भूमिका निभाने में भी विफल रहे हैं. पार्टी में विघटन है. इनके नेताओं को नहीं मालूम कि कौन सा नेता या एमएलए इनके साथ है और कौन सा कांग्रेस के साथ. उन्होंने सवाल किया कि जो विपक्ष में रहते हुए कामयाब नहीं रह पाए, वह सरकार कैसे चलाएंगे? यह तो मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसा है.
कांग्रेस ने मेंढ़क से की तुलना
सत्ताधारी कांग्रेस विरोधी अकाली दल से भी दो कदम आगे निकल गई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर राजकुमार वेरका ने आप नेताओं की तुलना मेंढ़क से करते हुए हुए कहा कि इन्हें एक साथ लाना, मेंढ़कों को एक तराजू पर तौलने जैसा है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल इतने लोकप्रिय नहीं हैं. नागरिकता संशोधन कानून और अन्य मुद्दों के कारण दिल्ली में भाजपा के खिलाफ माहौल बना हुआ है. इसी का फायदा वहां आप को मिल रहा है. वेरका ने कहा कि पंजाब में आप का कोई जनाधार नहीं है. प्रदेश में पार्टी ने जितने भी चुनाव या उपचुनाव लड़े, उनके उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची.