- हिंसा की चपेट में आने से 39 की मौत
- हिंसा ग्रस्त इलाकों की बढ़ाई गई सुरक्षा
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हिंसा को थमे 72 से अधिक घंटे बीत चुके हैं, लेकिन मरने वालों का आंकड़ा थमता नजर नहीं आ रहा है. जीटीबी हॉस्पिटल के मुताबिक, शुक्रवार को भी एक और मौत हो गई है. इस मौत के साथ आंकड़ा अब 39 पर पहुंच गया है, जबकि घायलों की संख्या 100 से अधिक बताई जा रही है.
दिल्ली हिंसा को लेकर 22 से लेकर 26 फरवरी के बीच 48 केस दर्ज किए गए हैं, जिसमें 41 केस दंगे के है और 4 हत्या के केस है. एक केस गैर इरादतन हत्या का है और 2 केस हत्या के प्रयास के है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 13 को गोली लगी है, 22 लोग अलग-अलग तरीके की चोट के कारण मारे गए हैं. मरने वालों में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल और आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा शामिल हैं.
हिंसा के बाद 24 घंटे की सुरक्षा के लिए स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) के नेतृत्व में तीन स्पेशल सीपी, 6 ज्वॉइंट सीपी, एक एडिशनल सीपी, 22 डीसीपी, 20 एसीपी, 60 इंस्पेक्टर और 600 जवान के साथ 100 महिला सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. अर्धसैनिक बल की 60 कंपनियों को तैनात किया गया है. इन सबके बीच हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस की पेट्रोलिंग जारी है और जारी है सड़कों से पत्थर हटाने का काम.