भोपाल: उज्जैन में हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक स्वयं बाबा महाकाल ने ली, दरअसल उज्जैन में हुई इस बैठक में महाकाल कॉरिडोर के नाम का निर्णय होना था, लिहाजा बैठक में मुख्य सीट पर बाबा महाकाल की तस्वीर रखी गई, बाबा महाकाल के दोनों और मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्री बैठे।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाकाल कॉरिडोर अब ‘श्री महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर यानी श्री महाकाल लोक के प्रथम चरण के कार्यों का उद्घाटन करेंगे।
क्यों खास है महाकाल कॉरिडोर ?
महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है। यहां भगवान शिव, शक्ति और अन्य धार्मिक घटनाओं से जुड़ी करीब 199 मूर्तियां स्थापित की गई हैं। ये मूर्तियां शिवपुराण से जुड़ीं कथाओं को बयां करती हैं। सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में भगवान शिव की मूर्ति, शिव तांडव की विभिन्न प्रतिमाएं और नंदी की विशाल प्रतिमा यहां दिखाई देंगी। मूर्तियों में क्यूआर कोड स्कैन करके उनके बारे में जान सकेंगे।
कितना है महाकाल कॉरिडोर का बजट ?
महाकाल मंदिर कॉरिडोर के विकास में 793 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इनमें से 421 करोड़ मध्य प्रदेश सरकार और 271 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने दिए हैं। इसके बाद मंदिर का एरिया 2 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर हो गया है। महाकाल के पास स्थित ऐतिहासिक रुद्रसागर तालाब की साफ-सफाई कर इसे विकसित किया गया है। साथ ही रुद्रसागर तालाब में गिरने वाली गंदगी को रोक दिया गया है।