Thursday, December 26, 2024
HomestatesMadhya Pradeshदेसी गाय पालें, 900 रुपये महीना सरकार से लें और खाद भी...

देसी गाय पालें, 900 रुपये महीना सरकार से लें और खाद भी बेचें

  • शिवराज सरकार का नया गौसेवा फार्मूला
  • एमपी के 5200 गांवों में शुरू होगी प्राकृतिक खेती

भोपाल।आवारा मवेशी से छुटकारा पाने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार अब किसानों को हर माह 900 रुपये गौपालन अनुदान देगी। इसके लिए शर्त होगी कि गाय देसी नस्ल की होनी चाहिए। इस मद में एक किसान को साल भर में 10,800 रुपये मिलेंगे। किसान अपनी गाय का दूध और गोबर से बनने वाली खाद बेच कर अतिरिक्त कमाई भी कर सकेंगे।
जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश में देसी गाय पालन अनुदान एवं मप्र प्राक़ृतिक कृषि विकास योजना लागू करने का निर्णय मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इस योजना में पहले चरण में प्रदेश के सभी 52 जिलों के चुनिंदा किसानों को शामिल किया जा रहा है। गौपालन के लिए प्रत्येक गांव से पांच किसान यानी कुल 26 हजार किसान चुने जाएंगे। वहीं प्राकृतिक खेती के लिए एक जिले के 100 गांव का चयन किया जाएगा। इस तरह 5200 गांवों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर सरकार ने इस साल 39 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च करेगी। वहीं गौपालन अनुदान मद में 28 करोड़ 80 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को उनके गौवंश से फिर जोड़ने के लिए देसी गाय पालन की योजना बनाने की बात हाल ही में कही थी। मुख्यमंत्री चौहान के अनुसार प्राकृतिक खेती के लिए गाय आवश्यक है और ऐसी कृषि करने वाले किसान के पास कम से कम एक देसी गाय होनी चाहिए। इस योजना से जहां किसानों को देसी गाय पालने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं आवारा पशुओं की समस्या से भी निजात मिलेगी। किसान गोबर से खाद और गोमूत्र से जैविक कीटनाशक बना कर प्राकृतिक खेती कर सकेगा।

इसी साल हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में आवारा पशुओं की समस्या एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया था। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में भी किसानों के लिए यह एक बड़ी परेशानी बना हुआ है। 20वें पशुधन सर्वेक्षण के अनुसार मध्यप्रदेश में करीब 8.50 लाख आवारा मवेशी हैं।

शिवराज सरकार ने बनाई थी ‘गो कैबिनेट’

इससे पहले गोपालन को बढ़ावा देने के लिए शिवराज सिंह सरकार ने एक ‘गो कैबिनेट’ बनाने का फैसला किया था। सरकार ने सभी विभागों को निर्देश दिए थे कि सभी सरकारी भवनों में गोमूत्र से बने फिनाइल का उपयोग किया जाए और जैविक खाद बनाने के लिए गोबर खरीदा जाए। पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने इन फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य आश्रयों में गायों की देखभाल के लिए राजस्व एकत्र करना है। जिससे गाय किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाने के बजाए उनकी उत्पादकता और आर्थिक समृद्धि बढ़ाने वाली बन जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100