Thursday, March 13, 2025
HomestatesMadhya Pradeshनमस्ते और आदाब की संस्कृति को अपनायें

नमस्ते और आदाब की संस्कृति को अपनायें


नमस्ते और आदाब की संस्कृति को अपनायें


कोरोना वायरस से बचाव ही उसका उपचार हैं
मध्यप्रदेश में सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है: प्रमुख सचिव श्रीमती जैन
 


भोपाल : बुधवार, मार्च 4, 2020, 14:19 IST

कोरोना वायरस से बचाव के लिये सुरक्षित रहना ही पहला उपाय है। कोरोना वायरस संक्रमण वायरस है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को लगता है। कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर यह वायरस फैलता है। इससे बचने के लिये संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनायें और सर्दी, खांसी और बुखार आने पर तुरन्त डाक्टर को दिखायें। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी जैन ने आज होटल पलाश में सम्पन्न मीडिया कार्यशाला में यह बात कहीं।

प्रमुख सचिव ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार केन्द्र सरकार के साथ लगातार सम्पर्क में है। प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित कोई भी मरीज नहीं है। अभी तक 14 सैम्पल जांच के लिये पुणे लैब में भेजे गए थे, जिनमें से 13 सैम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। एक रिपोर्ट आना बाकी है। प्रदेश में 420 लोग दूसरे देशों से आये हैं, जिनमें से 319 लोगों को 28 दिन ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद सार्वजनिक जगहों पर जाने की अनुमति दे दी गयी है, 67 लोग अभी होम आइसोलेशन में हैं। इनमें से किसी भी व्यक्ति में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं पाया गया है। सभी लोग सुरक्षा की दृष्टि से होम आइसोलेशन में रखे गए थे।

श्रीमती जैन ने बताया कि 6 मार्च को प्रदेश के 350 केन्द्रों पर वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। खजुराहो, सांची, ओरछा और अन्य पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश में सभी जिलों में 2 से 6 बैड आइसोलेटेड किये गए हैं। जिले में तीन सदस्यीय रेपिड एक्शन टीम बनायी गयी है, जो सूचना मिलने पर सुरक्षा के साथ कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। सभी ड्रग इन्स्पेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि कोई भी दवा-संस्थान व दुकान, दवाईयों और मास्क का अतिरिक्त भण्डारण न करे। साथ ही एम.आर.पी. से अधिक कीमत पर दवाइयों को विक्रय न करें। प्रदेश के सभी सैनिक केन्द्रों से भी सम्पर्क रखा जा रहा है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर समन्वय के साथ कार्य किया जा सके।

कोरोना वायरस से बचाव के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसके संबंध में सूचनाएँ प्रदर्शित की गयी हैं और अस्पतालों में सर्दी, खांसी, और बुखार के मरीजों का अलग से परीक्षण शुरू किया गया है। यदि किसी मरीज की या उससे संबंधित सम्पर्क वाले व्यक्ति की ट्रेवल हिस्ट्री है, तो उसे निगरानी में रखा जा रहा है। इन सभी मरीजों के साथ सभी लोगों को बताया भी जा रहा है कि भारतीय संस्कारों के साथ अभिवादन करें, हाथ न मिलाएं। नमस्ते आदाब की संस्कृति को अपनायें, खांसते-छीकतें समय मुँह पर कपड़ा रखें और कोहनी से नाक, मुँह ढकें। सर्दी-खांसी से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनायें। सार्वजनिक स्थलों पर जाने से बचें और 30 सेकण्ड तक साबुन से हाथ धोयें।

आयुक्त स्वास्थ्य श्री प्रतीक हजेला ने बताया कि सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को इस संबंध में निर्देशित किया जा चुका है। सर्दी-खांसी और बुखार वाले मरीजों को विशेष निगरानी और सावधानी बरतने के लिये निर्देशित किया गया है। प्रदेश सरकार लगातार सजगता के साथ कार्य कर रही है। अभी तक प्रदेश में नोबल कोरोना वायरस का कोई भी मरीज नहीं पाया गया है। विशेष जानकारी के लिये टोल फ्री नम्बर 104 पर फोन कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है एवं इसके संबंध में सूचना भी दी जा सकती है। कोरोना वायरस से बचने का सबसे बड़ा उपाय यह है कि अपने इम्यून सिस्टम को बढ़ाएं। आयुर्वेदिक, होम्पोपैथिक दवाऍं भी सुरक्षा के रूप में ली जा सकती हैं। गिलोये, विटामिन-सी, च्यवनप्रास जैसी घरेलू दवाओं का उपयोग भी करें, जिससे शरीर का स्वरक्षा तंत्र मजबूत हो।

आयुक्त स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में मरीजों को तीन केटेगिरी में रखा जा रहा है, पहले ऐसे मरीज जिनको सर्दी-खांसी है, लेकिन कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं, इनका सामान्य इलाज सभी अस्पतालों में किया जा रहा है। दूसरे ऐसे लोग जो विदेशों से आएं हैं या उनके सम्पर्क में रहे हैं, उनका होम आइसोलेशन कर परीक्षण कराया जा रहा है। तीसरे वे मरीज जो कोरोना वायरस संक्रमित पाये जायेंगे, उनको स्पेशल वार्ड में रखने के लिये कार्ययोजना बनायी गयी है।

नोबल कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम के लिये सभी जिलों में कलेक्टर्स की अध्यक्षता में टास्क-फोर्स का गठन किया गया है। प्रदेश और जिला स्तर पर प्रतिदिन मॉनिटरिंग सैल की बैठक हो रही है। राज्यस्तर पर पी.सी. सेठी अस्पताल, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर, जे.पी. अस्पताल एवं हमीदिया अस्पताल भोपाल को चिन्हित किया गया है। मरीजों के सैम्पल कलैक्शन और ट्रान्सपोर्ट के लिये एम्स भोपाल, बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर, राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान जबलपुर, श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा, गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर एवं एम.जी. मेडिकल कॉलेज इंदौर को चिन्हित किया गया है। सभी जिलों में मॉकड्रिल की जा चुकी है।


अरूण राठौर


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k