दमोह_मध्यप्रदेश के दमोह में एक ऐसा चौका देने वाला गांव निकलकर सामने आया जहां बिजली के खम्भों में पानी की पाइपलाइने बिछी हुई है.सुनने में आपको थोड़ा अजीबोगरीब जरूर लग रहा होगा लेकिन ये हकीकत है.दरअसल, जिला मुख्यालय से करीब 56 km दूर तेंदूखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सर्रा गांव में करीब 400 परिवार निवासरत है.जिनमें से सिर्फ 100 परिवारों को ही पेयजल मिल रहा है,बचे हुए 300 परिवार आज भी जलसंकट से जूझ रहे हैं. कई बार सरकारी दफ्तरों में आवेदन देने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मौन बैठे हैं.जानकारी के लिए बता दें कि करीब 10 से 15 साल पहले जिम्मेदार PHE विभाग ने गांव की कुल आबादी का सर्वे करवाये बिना ही टंकी बनवाकर करीब 500-600 मीटर में पाइपलाइन बिछवा दी.बीतते समय के साथ पाइपलाइन का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया जिसके बाद करीब 6 से 8 साल पहले ग्राम पंचायत ने लगभग 2 लाख रुपये खर्च करते हुए दुबारा से पाइपलाइन बिछवाई थी.
ताकि लोगों के घरों तक पीने का पानी पहुच सकें.लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बाद आज भी हालात जस के तस बने हुये है. गले की प्यास बुझाने के लिए ग्रामीणो को निजी बोरबेल से पानी खरीदना पड़ रहा है.दरअसल, यह गांव रानी दुर्गावती अभ्यारण्य विस्थापन प्रक्रिया में शामिल होने की वजह से शासन ने नये कामों की स्वीकृति पर रोक लगा दी और यही रोक अब ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गई है.ना तो लोगों को विस्थापित किया जा रहा है, और ना ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है.सालों पहले जमीन के अंदर बिछाई गई नल जल योजना की पाइपलाइन में सिर्फ हवा आती हैं पानी नहीं…
इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ग्रामीणों ने कई दफ्तरो के चक्कर काटे लेकिन उनकी समस्या हल नहीं हुई. जिसके बाद ग्रामीणों ने पेयजल की अस्थायी व्यवस्था बनाते हुए बिजली के खम्भों के सहारे प्लास्टिक की पाइपलाइन का जाल बिछाया फिर निजी बोरबेल से इन पाइपलाइनो का कनेक्शन कर दिया.अब हर ग्रामीण बीते कई सालों से पानी की कीमत चुकाकर अपना और अपने परिवार का जीवनयापन करने को मजबूर है.
वाइट_कुंजबिहारी विश्वकर्मा ग्रामीण
वाइट_सुधीर कुमार कोचर, कलेक्टर, दमोह