- कासा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर समेत दो सस्पेंड
- गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग की गाज दो पुलिसकर्मियों पर गिरी है. घटना की जांच कर रहे कोंकण रेंज के आईजी ने कासा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज और सेकेंड ऑफिसर को निलंबित कर दिया है. इस मामले में अब तक 101 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय भी एक्टिव हो गया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार से रिपोर्ट मांगी है. सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में पूछा गया है कि सरकार की ओर से क्या-क्या कार्रवाई की गई है?
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‘महाराष्ट्र में चल रहा है रावणराज’
इस बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में साधुओं की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हत्या पर नाराजगी जताई है. परिषद के अध्य्क्ष नरेंद्र गिरी महराज ने ऐलान किया है कि लॉक डाउन के बाद नागाओं की फौज महाराष्ट्र कूच करेगी. उनका आरोप है कि महराष्ट्र में रावण राज चल रहा है.
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नरेंद्र गिरी महराज ने आरोप लगाया कि पुलिस ने साधुओं को मारने के लिए सुपुर्द कर दिया. ऐसी वीभत्स हत्या, ऐसी दर्दनाक मौत पर मुझे आश्चर्य है कि यह मनुष्य नहीं कर सकता. यह राक्षस हैं और राक्षस लोग ही ऐसा कर सकते हैं. मुझे लगता है महाराष्ट्र में अब रावण राज आ गया है, उद्धव ठाकरे का राज नहीं है रावण राज है.
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क्या है मामला
16-17 अप्रैल की दरमियानी रात को पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर मॉब लिंचिंग की वारदात हुई. पालघर के गड़चिनचले गांव में मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और ड्राइवर की गाड़ी रोक कर जान ले ली. भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे. दोनों साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे.
लॉकडाउन के चलते पुलिस ने साधुओं को हाइवे पर जाने से रोक दिया. फिर इको कार में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए. पुलिस की माने तो अफवाह के कारण साधु और ड्राइवर भीड़ के शिकार हुए. भीड़ ने चोर समझ कर साधुओं की गाड़ी रोकी थी. मौके पर फौरन पुलिस भी पहुंची, लेकिन लाठी-डंडों- कुल्हाड़ी और दूसरे हथियारों से लैस 200 की भीड़ के आगे पुलिसवालों की एक नहीं चली