- ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर देश को किया संबोधित
- पीएम बोले- योग और आयुर्वेद बारे में जानना चाहते हैं हर जगह के लोग
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन 5.0 के लागू करने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ की. इस दौरान उन्होंने कोरोना से लड़ाई, श्रमिकों की पीड़ा, बंगाल में सुपर साइक्लोन अम्फान, खेतों में टिड्डियों के हमले, लाखों मजदूरों को घर पहुंचाने, आत्मनिर्भर भारत, नई चुनौतियों समेत कई मुद्दों पर देश को संबोधित किया.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में विश्व के अनेक नेताओं से मेरी बातचीत हुई है. इन दिनों उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी योग और आयुर्वेद के संबंध में होती है.
योग-आयुर्वेद के बारे पूछते हैं लोग: पीएम
‘मन की बात’ कार्यक्रम से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, मैं एक सीक्रेट जरूर आज बताना चाहूंगा कि विश्व के अनेक नेताओं से जब आज बातचीत होती है, तो वे योग और आयुर्वेद के संबंध में जानने में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने मुझसे पूछा कि कोरोना के इस काल में ये योग और आयुर्वेद कैसे मदद कर सकते हैं.
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पीएम मोदी ने कहा, हर जगह लोग योग और आयुर्वेद को ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं. उसे अपनाना चाहते हैं. कितने लोग जिन्होंने कभी योग नहीं किया वे योग सीखने के लिए ऑनलाइन क्लास से जुड़ गए हैं या ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं.
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मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई मजबूती से लड़ी जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी जनसंख्या और देशों के मुकाबले कई गुना ज्यादा हैं फिर भी कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला.
कोरोना से लड़ाई कमजोर ना हो: पीएम
लॉकडाउन में रियायत को लेकर पीएम मोदी ने कहा, हम सभी को ध्यान रखना होगा कि इतनी कठिनाइयों के बाद देश ने जिस तरह हालात को संभाला है उसे बिगड़ने नहीं देना है. हमें लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है, हम लापरवाह हो जाएं, सावधानी छोड़ दें ये कोई विकल्प नहीं है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी भी उतनी ही गंभीर है.
कोरोना के साथ प्राकृतिक आपदा का सामना
वहीं, पीएम मोदी ने कहा, एक ओर जहां हम कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ हमें हाल में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा. पिछले कुछ हफ्तों के दौरान हमने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सुपर साइक्लोन अम्फान का कहर देखा. तूफान से अनेकों घर तबाह हो गए. किसानों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. हालात का जायजा लेने के लिए मैं ओडिशा और पश्चिम बंगाल गया था. पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोगों ने जिस हिम्मत और बहादुरी से हालात का सामना किया है वो प्रशंसनीय है.
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