- पिछले साल सीआरपीएफ काफिले पर हमला
- इस हमले में 40 जवानों की गई थी जान
पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व बल) के काफिले पर हमला किया गया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान देश के लिए कुर्बान हो गए थे. जानकारी के मुताबिक इस हमले के पीछे पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है. भारत ने बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश कैंप पर हमला किया.
सरकार ने दावा किया कि भारत की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सभी आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया गया है. हालांकि पुलवामा हमले को लेकर कई सारे सवाल भी उठे. तत्कालीन राज्यपाल ने बताया कि इस घटना से पहले कुछ इंटेलिजेंस इनपुट मिले थे जिसे नजरअंदाज किया गया.
ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो गया कि इतने सारे सुरक्षाकर्मियों की मूवमेंट से पहले इंटेलिजेंस इनपुट पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? देश की खुफिया एजेंसी को इतने बड़े हमले की भनक क्यों नहीं लगी?
इस घटना के एक साल बाद भी कुछ ऐसे ही सवाल मुंह बाए खड़ी है. क्या हम भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तैयार हैं? सीआरपीएफ के कॉन्वॉय मूवमेंट और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) में किस तरह के बदलाव किए गए हैं?
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क्या हुआ बदलाव?
पुलवामा की घटना से सबक लेते हुए अब सीआरपीएफ के जवानों को काफिले मे ना ले जाकर उन्हें हवाई जहाज में भेजा जाता है. इतना ही नहीं अब सीआरपीएफ के जवानों को एयर इंडिया की फ्लाइट में दिल्ली से आने-जाने की फ्री सुविधा दी गई है. इसके अलावा सप्ताह में 3 दिन, जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू एयर इंडिया की फ्लाइट चलती है. वहीं अगर कोई सीआरपीएफ जवान किसी प्राइवेट कंपनी के एयरलाइंस में यात्रा करता है तो उसे बिल जमा करने पर यात्रा के लिए खर्च की गई रासि वापस मिल जाती है.
हालांकि अब भी काफिले में ही सीआरपीएफ से जुड़े उपकरण और महत्वपूर्ण सामान लाया-ले जाया जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ ने कॉन्वॉय के मूवमेंट की खास एसओपी तैयार की है. हालांकि सुरक्षा के लिहाज से यहां पर सारी जानकारी नहीं दी जा रही है.
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इनमें से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव इस तरह हैं. जैसे- रोड ओपनिंग पार्टी में आधुनिक इक्विपमेंट को बढ़ावा मिला है. सीआरपीएफ ने एंटी सैबोटोज़ टीम की संख्या भी बढ़ाई है. जिससे बाहरी लोगों के घुसने पर मनाही होगी.
यही नहीं रूट पर IED के खतरे को देखते हुए, सीआरपीएफ ने कॉन्वॉय मूवमेंट के समय लिंक रोड को बंद करने का आदेश भी दे रखा है. सीआरपीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जवाहर टनल से श्रीनगर तक नेशनल हाईवे पर अलग-अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए जा रहे हैं. जिससे सुरक्षा बल हर तरीके के मूवमेंट पर नजर रखी जा सके.
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इसके अलावा काफिले में गाड़ियों की संख्या कम रखी जा रही है, साथ ही बुलेट प्रूफ एंटीमाईन वेहिकल की संख्या भी अब डबल कर दी गई है. इसके अलावा क्रिटिकल सिचुएशन रिसपोन्स वेहिकल की तादाद बढ़ा दी गई है.
PAK प्रायोजित आतंकी आज भी सुरक्षा बलों के काफिले को निशाना बनाने की फिराक में हैं. आजतक को खुफिया सूत्रों ने जानकारी मिली है कि काफिले के रूट पर हमला करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, आतंकियों के एक बड़े गुट को तैयार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस बार जैश-ए-मोहम्मद के साथ हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा अंसार, ग़ज़वत उल हिन्द और अल बदर के आतंकी मिलकर साजिश रच रहे हैं.
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सूत्रों ने जानकारी दी है कि आतंकियों के प्रयास, सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए लगातार जारी हैं. वहीं सुरक्षाबल भी उनसे निपटने की तमाम तैयारियां कर रहा है. सुरक्षाबलों ने संभावित खतरों को भांपते हुए जम्मू कश्मीर में अलर्ट जारी किया है.