भोपाल एवं इंदौर मेट्रो का कार्य तेज गति से गुणवत्तापूर्ण किया जाए
ज्वाइंट वेंचर बोर्ड के गठन की कार्रवाई शीघ्र करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश मेट्रो के कार्य की समीक्षा की
भोपाल : गुरूवार, अगस्त 20, 2020, 21:26 IST
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल एवं इदौर मेट्रो प्रोजेक्ट राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे अगले 3-4 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्य को गति प्रदान करने के लिए ज्वाइंट वेन्चर बोर्ड के गठन, भोपाल एवं इंदौर मैट्रोपोलिटन क्षेत्र को अधिसूचित करने तथा भूमि अधिग्रहण आदि के संबंध में कार्रवाई तत्परता के साथ की जाए। प्रोजेक्ट का कार्य तेज गति एवं पूरी गुणवत्ता के साथ किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश मेट्रो संबंधी कार्य की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज गोविल, प्रमुख सचिव श्री नीतेश व्यास आदि उपस्थित थे।
नागपुर मेट्रो कार्य का अध्ययन करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि नागपुर मेट्रो का कार्य तेजी से हुआ है। वहां हुए कार्य का अध्ययन करें तथा मध्यप्रदेश में मेट्रो निर्माण कार्य को गति प्रदान करें।
म.प्र. मेट्रो रेल कंपनी ज्वाइंट वेंचर कंपनी हो जाएगी
मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार, भारत सरकार एवं म.प्र. मेट्रो रेल कंपनी के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी केन्द्र एवं राज्य सरकार की, बोर्ड द्वारा संचालित 50 : 50 संयुक्त उपक्रम कंपनी (ज्वाइंट वेंचर कंपनी) के रूप में परिवर्तित हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस संबंध में कार्रवाई शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए।
14442 करोड़ लागत
भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की कुल लागत 14442 करोड़ 20 लाख रूपये है, जिसमें भोपाल मेट्रो की लागत 6941 करोड़ 40 लाख एवं इंदौर मेट्रो की लागत 7500 करोड़ 80 लाख रूपये है।
अभी तक 138 करोड़ 58 लाख व्यय
मेट्रो कार्य के लिए अभी तक मेट्रो कंपनी को मध्यप्रदेश सरकार से 248 करोड़ 96 लाख रूपये तथा भारत सरकार से 245 करोड़ 23 लाख रूपये वित्त प्राप्त हुआ है। इसमें से मेट्रो कार्य पर अभी तक 138 करोड़ 58 लाख रूपये व्यय किए जा चुके हैं।
कार्य की समयावधि
बताया गया कि भोपाल मेट्रो के अंतर्गत एम्स से सुभाषनगर तक का कार्य अगस्त 2023, सुभाष नगर से करोंद चौराहे तक का कार्य दिसम्बर 2024 तक तथा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे तक का कार्य मई 2024 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार इंदौर मेट्रो के अंतर्गत गांधी नगर से मुमताज बाग तक का कार्य अगस्त 2023 तक, मुमताज बाग से रेल्वे स्टेशन तक का कार्य जुलाई 2024 तक तथा गांधीनगर से रेल्वे स्टेशन तक का कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रायोरिटी कॉरिडोर के लिए टेंडर जारी
प्रमुख सचिव श्री नीतेश व्यास ने बताया कि भोपाल एवं इंदौर दोनों शहरों में मेट्रो के अंतर्गत प्रायोरिटी कॉरिडोर बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। प्रायोरिटी कॉरिडोर्स पर 5 से 6 स्टेशन आएंगे। भोपाल में 6.3 कि.मी. लंबा तथा इंदौर में 5.2 कि.मी. लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर बनना है।
भोपाल एवं इंदौर मैट्रो प्रोजेक्ट एक नजर में
भारत सरकार को डी.पी.आर. प्रस्तुत |
मार्च 2016 |
राज्य सरकार द्वारा डी.पी.आर. स्वीकृत |
जनवरी 2017 |
पब्लिक इंवेस्टमेन्ट बोर्ड की बैठक संपन्न |
सितम्बर 2018 |
केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा प्रोजेक्ट स्वीकृत |
अक्टूबर 2018 |
केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति पत्र जारी |
नवम्बर 2018 |
केन्द्र सरकार, मध्यप्रदेश सरकार तथा म.प्र. मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की बीच त्रिपक्षीय एम.ओ.यू. संपन्न |
अगस्त 2019 |
वित्त पोषण व्यवस्था (राशि करोड़ में) |
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स्त्रोत |
भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट |
इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट |
योग |
भारत शासन |
1164.44 |
1276.36 |
2440.8 |
मध्यप्रदेश शासन |
1843.62 |
1955.33 |
3798.95 |
बाह्य ऋण |
3493.34 |
3200.00 |
6693.34 |
आंतरिक ऋण |
0.00 |
629.11 |
629.11 |
पी.पी.पी. (सार्वजनिक निजी भागीदारी) |
440.00 |
440.00 |
880.00 |
योग |
6941.40 |
7500.80 |
14442.20 |
पंकज मित्तल
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