Monday, December 23, 2024
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भोपाल में ‘टाइगर’ कर रहा टुन्न

महंगी हुई शराब तो सैनिटाइजर पीने लगे लोग

सीएम की फटकार के बाद पुलिस सैनिटाइजर पीने से हो चुकी है मौत
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नशे के लिए सैनिटाइजर पीने का मामला एक बार फिर सामने आया है। मजे की बात यह है कि एक खास ब्रांड का सैनिटाइजर ही इसके लिए ज्यादा उपयोग किया जा रहा है, जिसका नाम टाइगर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फटकार के बाद जिला प्रशासन के ताबड़तोड़ छापामारी की, लेकिन अवैध शराब तो पकड़ी गई, ‘टाइगर’ हाथ नहीं लगा।
भोपाल के पॉश एरिया अरेरा कॉलोनी के पास 12 नंबर बस स्टाप के कुछ मेडिकल स्टोर्स और सांची मिल्क पार्लर में नशे का अवैध सामान बिकने की शिकायत मिली थी। पुलिस और एक्साइज अमले ने मेडिकल स्टोर्स और एक सांची पार्लर की तलाशी ली, लेकिन उन्हें वो खास ब्रांड का सैनिटाइजर नहीं मिला। दरअसल मध्यप्रदेश में देशी शराब का पौवा (क्वार्टर) करीब 55 से 100 मिलता है। इसकी तुलना में टाइगर सैनिटाइजर 30 से 50 रुपये तक में मिल जाता था। सस्ता होने के साथ ही इसमें अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है। जिससे लोग सस्ते नशे के लिए सैनिटाइजर पीने लगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को 12 नंबर क्षेत्र में ‘चाय पर चर्चा’ के लिए पहुंचे तो उन्हें लोगों ने टाइगर पीकर बदमाशों द्वारा हुड़दंग मचाने की शिकायत की। इस पर सीएम ने मौके पर मौजूद कलेक्टर और एसपी को निर्देश दिए- “जो भी टाइगर, फाइगर यहां है उसे पकड़ो और डंडा लेकर बदमाशों को ठीक करो। सीएम का कहना था कि असली टाइगर (शिवराज) यहां है तो फिर ये कौन टाइगर, फाइगर आ गया है”। मुख्यमंत्री के जाने के बाद प्रशासन के छापामारी कर बस्ती के एक घर से कुछ अवैध शराब पकड़ी। मेडिकल स्टोर सर्वोत्तम और बालाजी की तलाशी ली। दुकानों में टाइगर नहीं मिला। दुकानदार का कहना था कि पहले वे टाइगर ब्रांड सैनिटाइजर बेचा करते थे। अब बंद कर दिया है। सांची मिल्क पार्लर वाले ने भी ऐसा ही जवाब दिया। इसके बावजूद प्रशासन का टाइगर सैनिटाइजर के खिलाफ अभियान जारी है।

रंगहीन है टाइगर सैनिटाइजर

आमतौर पर बाजार में मिलने वाले सैनिटाइजर में केमिकल की वजह से नीला रंग होता है। टाइगर ब्रांड वाला पूरी तरह रंगहीन होने के कारण लोग इसका इस्तेमाल शराब के विकल्प के तौर पर करते हैं।

सैनिटाइजर में यह मिला होता है

कंपनी द्वारा निर्मित सैनिटाइजर में अल्कोजल व हाइड्रोजन परऑक्साइड होता है। सैनिटाइजर में एक व्हिस्की की बोतल में जितना अल्कोहल रहता है, उससे दोगुना अल्कोहल होता है। बाजार में दो से ज्यादा तरह के सैनिटाइजर मिल रहे हैं। इनका उपयोग स्वस्थ्य और जान के लिए खतरनाक होता है। यह पीने के लिए नहीं, बल्कि हाथ सैनिटाइज करने के लिए होते हैं।

कोरोना काल में आया चलन में
कोरोना के दौरान जब शराब की दुकानें बंद थीं तो कुछ लोगों ने नशे के लिए सैनिटाइजर पीना शुरू कर दिया था। इससे उस दौर में भोपाल में ही पांच से ज्यादा मौत होने की बात सामने आई थी। अब शराब दुकानें खुली होने पर भी सस्ते नशे के लिए लोग सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं।

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