सिवनी। सिवनी जिला प्रशासन का भगवान ही मालिक है। यहां एक पटवारी कलेक्टर पर भी भारी है। प्रशासन से कमाल की सेटिंग तो देखिए इस भ्रष्टाचारी पटवारी का कोई भी अधिकारी बाल भी बांका नहीं कर सकते। तभी तो यह पटवारी साढ़े चार साल से अधिक समय से एक ही पटवारी हल्का में पदस्थ है। कमाल की बात तो यह है कि इस पटवारी को ऐसा हल्का दिया गया है जो दुधारू गाय की तरह है। हम बात कर रहे हैं सिवनी जिला के ग्राम बीसावाड़ी की। यह गांव राजस्व मंडल बंडोल के अंतर्गत आता है। यहां हल्का नंबर 29 में पदस्थ अनिल सनोड़िया के कारनामे सबसे जुदा हैं। 27 सितंबर 2022 को मंगलवार को लगने वाली जनसुनवाई में पहुंचे कुछ ग्रामीणों ने अपना दुखड़ा सुनाया। ग्राम बीसावाड़ी, बीसापुर, टिंगीटोला से आए ग्रामीणों ने हमारे संवाददाता को बताया कि पूरा गांव पटवारी अनिल सनोड़िया से परेशान है। कई बार पहले भी कलेक्टर को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन आज तक मजाल है कि पटवारी अनिल सनोड़िया को कोई हटा पाया हो। तहसील कार्यालय में पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अनिल सनोड़िया सभी अधिकारियों का प्रिय है। यह पटवारी सभी अफसरों को खुश करने के लिए उनके बंगले में जाकर विशेष सेवाएं देता है। यही कारण है कि पटवारी का तबादला पिछले 4 सालों से नहीं किया गया। पटवारी अनिल सनोड़िया ने हर काम के दाम तय कर दिया है। सीमांकन हो, चाहे फसल की गिरदावली, हर काम के पैसे लेता है। कमाल की बात तो यह है कि इस पटवारी ने अतिक्रमण करने वालों से भी पैसे तय कर रखे हैं। पटवारी अनिल सनोड़िया कहता है कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करना है तो करो, लेकिन मुझे एक अतिक्रमण का 10 हजार रूपये चाहिए। पंाच मैं रखूंगा, पांच एसडीएम और तहसीलदार साहब हो दूंगा, वह अतिक्रमणकारियों को दिलासा दिलाता है कि सरकारी भूमि का अतिक्रमण नहीं तोड़ा जाएगा, क्योंकि उपर के अधिकारी मुझसे ही पूछते हैं, तब कार्रवाई करते हैं, मैं उच्च अधिकारियों को बता देता हूं कि पूरा गांव ही अतिक्रमण में बसा हुआ है। अब देखिए इस हरामी पटवारी की कारस्तानी। ग्रामवासियों ने संवाददाता को बताया कि बीसावाड़ी गांव अतिक्रमण में नहीं बसा है, जबकि वह तो आबादी में बसा है। वहीं कुछ बड़े प्रभावी लोगों ने करोड़ों रूपये कीमती सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर घर और दुकान बना लिया है। यही कारण है कि पटवारी ने इन अतिक्रमणकारियों से जमकर मलाई खाई और उच्च अधिकारियों को भी खिलाई, तभी तो साढ़े चार साल से एक ही हल्का में पदस्थ है। सूत्र बताते हैं कि सिवनी जिले में ऐसे कई पटवारी हैं, जो तहसीलदार और उच्च अधिकारियों को रिश्वत नहीं पहुंचाते, उन्हें एक हल्का में 6 महीने भी नहीं रहने दिया जाता, उनके बार-बार तबादले होते हैं। वहीं, भ्रष्टाचारी अनिल सनोड़िया को अधिकारियों ने अपना आका बना लिया है। ग्रामवासियों ने जनसुनवाई में गुहार लगाई है कि ऐसे भ्रष्ट पटवारी अनिल सनोड़िया को तत्काल हल्का से हटाया जाए।
कलेक्टर से नहीं डरता, न ही मुख्यमंत्री मेरा कुछ बिगाड़ सकता है: अनिल सनोड़िया
जब कोई किसान हितग्राही पटवारी अनिल सनोड़िया से फोन पर काम करने की बात करता है तो वह धमकी भरे अंदाज में बात करता है। पटवारी कहता है कि तुम कॉल रिकॉर्ड करके कलेक्टर को सुना दो चाहे, मुख्यमंत्री को, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मैं सबको पैसे खिलाता हूं, जब अधिकारी पैसा खाते हैं तो मै क्यों नहीं खा सकता। जब जनता काम करने का आग्रह करती है तो पटवारी कहता है कि मेरा मन जब आएगा तभी काम करूंगा।
अतिक्रमणकारियों से चंदा वसूली करके अधिकारियों को देता है पैसे
ग्रामवासियों ने बताया कि पटवारी अनिल सनोड़िया ने अतिक्रमणकारियों के घर न तोड़ने के एवज में चंदा वूसली अभियान शुरू कर लिया है। वह हर तीज-त्योहार में अतिक्रमणकारियों से दो-पंाच हजार रूपये लेता है, ऐसे में करीब 40 अतिक्रमणकारियों से वह एक लाख रूपये तक वसूल लेता है। इतनी अधिक राशि लाने वाले कमाउ पूत पटवारी अनिल सनोड़िया पर अधिकारियों का मेहरबान होना लाजिमी है, आखिर थोड़ी बहुत मलाई उच्च अधिकारियों को भी तो चांटनी है। ग्रामवासियों ने जनसुनवाई में गुहार लगाई है कि ऐसे भ्रष्ट पटवारी अनिल सनोड़िया को तत्काल हल्का से हटाया जाए।