Indore Honey Trap Case मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले के वीडियो-ऑडियो प्रसारित होने के बाद निशाने पर आए इंदौर के सांध्य दैनिक संझा लोकस्वामी के मालिक जीतू सोनी पर पुलिस ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। सोनी के विरुद्ध मानव तस्करी और आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज है। पुलिस ने सोमवार को भी उनके होटल-घर और ऑफिस में छापे मारे। पलासिया पुलिस ने माय होम के मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र के अनुसार, शनिवार देर रात निलंबित इंजीनियर हरभजनसिंह की शिकायत पर एमआईजी थाने में जीतू सोनी के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इसके बाद सर्च वारंट जारी करवा कर पुलिस और प्रशासन की टीम ने गीता भवन चौराहे के पास स्थित उनके होटल (माय होम) में छापा मारा। यहां बंगाल और असम की 67 महिलाएं व लड़कियां मिलीं।
पुलिस ने पलासिया थाने में मानव तस्करी का केस दर्ज किया। दबिश के आधा घंटा पूर्व सोनी होटल से फरार हो गए। उनकी तलाश में एक टीम को मुंबई भी रवाना किया गया है। पलासिया थाने में दर्ज मानव तस्करी के प्रकरण में जीतू सोनी का पुत्र अमित सोनी भी आरोपित है। पुलिस सोमवार दोपहर अमित को ऑफिस लेकर पहुंची और तिजोरियों के ताले तोड़े।
होटल के बंकरनुमा कमरों में मिलीं 67 महिलाएं
हनी ट्रैप मामले को लेकर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। एसआईटी ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश की। शासन की तरफ से महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जिस सांध्य दैनिक अखबार पर ऑडियो-वीडियो लीक करने की आशंका थी, उसके दफ्तर पर कार्रवाई की है।
यह जानकारी भी मिली थी कि एक होटल में अवैध गतिविधियां संचालित हो रही हैं। वहां से 67 महिलाओं को बरामद किया गया है। इनके साथ बच्चे भी थे। इन्हें बंकरनुमा कमरों में बंधक बनाकर रखा जाता था। इधर, मामले में निगम के निलंबित इंजीनियर और फरियादी ने एक आवेदन देकर सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की।
कोर्ट ने सभी पक्षकारों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया, जो सोमवार देर शाम तक जारी नहीं हुआ था। मालूम हो, हनीट्रैप मामले को लेकर हाई कोर्ट में तीन जनहित याचिकाएं चल रही हैं। चार दिन पहले इस मामले की एक आरोपित ने कोर्ट में आवेदन देकर गुहार लगाई थी कि मामले से जुड़े ऑडियो-वीडियो के वायरल होने पर रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ता दिग्विजय सिंह भंडारी की तरफ से सीनियर एडवोकेट मनोहरलाल दलाल और लोकेश जोशी ने कोर्ट को बताया कि अखबार समूह के कर्ताधर्ता के माध्यम से याचिकाकर्ता को एक हार्ड डिस्क उपलब्ध हुई थी। 64 जीबी की इस हार्ड डिस्क में 16 से 18 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग है। जैसे ही यह हार्ड डिस्क याचिकाकर्ता को मिली, उसने इसे शपथ पत्र के साथ कोर्ट में पेश कर दिया।