राम की जीवन यात्रा साधारण से असाधारण बनने की है। वे साधारण मानव की तरह जन्मे। अपने कर्मों, धर्म और मर्यादा के पालन से परमात्मा बने। अयोध्या से लेकर लंका तक ऐसे अनगिनत प्रसंग हैं, जो दर्शाते हैं कि राम के विचार, राम के निर्णय, राम की नीति और राम के कथन उनके परमात्म तत्व के साक्षी हैं। वाल्मीकि से लेकर तुलसी ने राम की इसी महानता को अपने अमर काव्य में गाया है।