भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज प्रदेश के चारों महानगरों इंदौर,भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर के वरिष्ठतम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की अतिमहत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संगठित अपराध करने वालों पर पुलिस और प्रशासन कहर बनकर टूट पड़े। मैं मध्यप्रदेश को माफिया मुक्त देखना चाहता हूं। हर प्रकार के माफिया से मध्यप्रदेश को मुक्त कराना होगा। चाहे वो जबरन वसूली वाले हो, उगाही करने वाले हों, भू-माफिया हों, ड्रग माफिया हों, सहकारिता माफिया हों, प्रदेश के नागरिकों को संगठित गिरोह बनाकर परेशान करने वालों से मध्यप्रदेश को निजात मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, मैं चाहता हूँ कि यह सिर्फ आप्टिक्स के लिए न हो अर्थात सिर्फ दिखावा न हो, सिर्फ समाचार की सुर्खियों में नहीं, माफिया के खिलाफ कार्यवाही के परिणामों का प्रमाण पत्र मैं प्रदेश की जनता से चाहता हूं।
इंदौर के कारोबारी जीतू सोनी की शिकायत मुझे किसी ने एक माह पहले की थी और बताया था कि वह ब्लैकमेलिंग कर रहा है तो मैंने अपने अधिकारियों से कहा कि यह कौन शख्स है, मुझे इसकी विस्तृत जानकारी दी जाये। जब मेरे पास जानकारी आयी तब मैं हतप्रभ था कि यह माफिया लंबे समय से लोगो की जमीन-जायदाद पर कब्जे और ब्लैकमेलिंग का काम करता है तब मैंने प्रशासन को सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि माफिया कानून के दायरे के बाहर रहकर काम करता है, उन्हें कानून की जद में लाना होगा और कड़ा दण्ड देना होगा। कार्यवाही ऐसी की जाये, जिसका संदेश प्रदेश के कोने-कोने तक जाये और माफिया अपराध करने का फिर कभी साहस न जुटा पाये। इस बेहद महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस मुख्यालय में आॅर्गेनाईज क्राईम के लिए एक अलग से ब्रांच बनाने तथा स्पेशल कोर्ट पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि जल्द ही संगठित अपराध के खिलाफ एक कानून भी लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि कपड़ों पर राजनैतिक बिल्ला देखकर कार्यवाही न की जाये अर्थात कोई किसी की कितनी भी पैरवी क्यों न करे, माफिया को हर हाल में सलाखों के पीछे डाला जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे समूचे सार्वजनिक जीवन में मैंने कभी किसी अपराधी प्रवृति के व्यक्ति को संरक्षण नहीं दिया। मेरे साथ काम करने वाले सभी पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी इस बात को बखूबी जानते हैं।
अंततः मुख्यमंत्री ने कहा यह सब तुम मेरे लिए नहीं, प्रदेश के भले के लिए कर रहे हो, यह बात तुम्हें हमेशा याद रखना चाहिए।