Sunday, February 23, 2025
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यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल, मजदूर झेल रहे परेशानियां: अखिलेश यादव – Akhilesh yadav slams up govt for ignoring farmers and poors coronavirus lockdown covid 19

  • अखिलेश यादव ने कोरोना वायरस को लेकर सरकार पर कसा तंज
  • कहा- लॉकडाउन की वजह से लगातार परेशान हो रही है गरीब जनता

अखिलेश यादव ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं की बुरी हालत है. ऐसी स्थिति में सरकार से कुछ सवाल अवश्य पूछे जाएंगे. हालात पर पर्दा डालने की शुतुरमुर्गी चाल से संकट कम होने के बजाय और बढ़ेगा. लॉकडाउन के फलस्वरूप अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर उत्तर प्रदेश में आ गए हैं. जहां-जहां वे फंसे हुए हैं. बड़ी संख्या में ये श्रमिक है जो सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कार्यरत थे. वहां से चलते समय उन्हें मजदूरी भी नहीं मिली तो पैदल और भूखे प्यासे ही वे चल पड़े.

अखिलेश यादव ने कहा कि आज भी वे तमाम परेशानियां झेल रहे हैं और उनमें काफी लोग परिस्थितियों की मार के चलते बीमार हो गए हैं. उनके उपचार की कोई सुनियोजित व्यवस्था नहीं है. उनकी जांच भी नहीं हो रही है. रोजी-रोटी की विषम समस्या से जूझ रहे श्रमिकों को मनरेगा में काम देने का एलान तो है लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा है.

अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लॉकडाउन की वजह से उद्योगों पर ताले लगे हैं. रोज कमाकर गुजारा करने वाले दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों का जीना मुहाल है. अभी तक उनको मदद नहीं मिल पाई है. राशन कम या खराब मिलने की आम शिकायते हैं. किसानों को तो भाजपा सरकार में सिवाय उपेक्षा और अपमान के और कुछ मिलने वाला नहीं है.

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कागजों में खुले हैं क्रय केंद्र

अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि गेहूं के क्रय केंद्र कागजों में खुले हैं. किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला और न ही मिलने की उम्मीद है. अब मजबूरी में औने-पौने दाम पर फसल बेचने को वह मजबूर है. गन्ना किसानों का लम्बित बकाया अभी तक नहीं मिल पाया है. किसान को बे-मौसम बरसात और ओलावृष्टि से हुई फसल की क्षति का भी मुआवजा नहीं मिल रहा है. तकनीकी बहानों से उसकी आर्थिक मदद रोकी जा रही है.

लोगों को समय से नहीं मिल रही है दवाई

अखिलेश यादव ने कहा कि देश में सिर्फ कोरोना वायरस के ही संक्रमण का खतरा नहीं है. तमाम लोगों को दिल, किडनी, कैंसर, लीवर जैसी गम्भीर बीमारियां है. ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के मरीज भी इन दिनों परेशान हैं. अस्पतालों में ओपीडी बंद है, आपरेशन स्थगित हैं. केवल सर्दी, जुकाम-खांसी और तेज बुखार के मरीज ही देखे जा रहे हैं. इससे अन्य बीमारियों के शिकार, जिनमें ज्यादातर वृद्ध है. लोगों को समय से दवा, ईलाज नहीं मिल पा रहा है.

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गौशाला में नहीं है गायों के लिए चारा

अखिलेश यादव ने कहा कि गौमाता के कथित भक्तों को इन दिनों गौमाता की चिंता नहीं. गौशालाओं में गायों के लिए चारा नहीं है, वे भूख से तड़पकर मर रही हैं. वे अभी भी कचरे में मिले प्लास्टिक के थैले खा रही हैं. गरीबों-मजबूरों को राहत के नाम पर राशन दिए जाने का खूब प्रचार हुआ है लेकिन राशन दुकानदार मनमानी कर रहे हैं. घटतौली या दुकान बंद रहने की आए दिन शिकायते रहती हैं. जो बिना राशनकार्ड वाले हैं उनको तो कोई पूछ ही नहीं रहा है. कोटेदार उन्हें दुत्कार रहे हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी पंचायती राज दिवस पर संदेश देकर केवल अपनी रस्म अदायगी कर गए हैं. भारत को सशक्त बनाना है तो गांवों को संसाधन सम्पन्न बनाने का संकल्प लेना होगा. बीजेपी तो गांव-खेती नहीं बड़े उद्योगों के सहारे वाइव्रेंट इंडिया के सपने देखती है. गांधी जी का ग्राम स्वराज्य गांवों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना है, भाजपा का सपना कारपोरेट व्यवस्था को सशक्त करना है. दोनों में कोई तुलना नहीं की जा सकती.

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