Friday, March 14, 2025
HomestatesMadhya Pradeshराजभवन जैव विविधता और जैविक खेती का आदर्श प्रस्तुत करे : श्री...

राजभवन जैव विविधता और जैविक खेती का आदर्श प्रस्तुत करे : श्री टंडन


राजभवन जैव विविधता और जैविक खेती का आदर्श प्रस्तुत करे : श्री टंडन


राजभवन जैविक सब्जी, दूध, खाद और कीटनाशकों के उत्पादन में हुआ आत्म-निर्भर
विश्व पर्यावरण दिवस पर राजभवन में पॉली हाउस का हुआ शुभारंभ
 


भोपाल : शुक्रवार, जून 5, 2020, 17:10 IST

राज्यपाल श्री लाल जी टंडन ने निर्देशित किया है कि राजभवन भोपाल और पंचमढ़ी में आकर्षक और आत्म निर्भर उद्यानों का पर्यटन केन्द्र के रूप में विकास किया जाए। राजभवन के आगंतुकों को मध्यप्रदेश की जैव विविधता, आधुनिक जैविक पद्धति से बागवानी और फल एवं पुष्प उद्यान की लाभकारी और आत्मनिर्भर खेती की जानकारी और प्रेरणा प्राप्त हो। उन्होंने कहा है कि राजभवन में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जाए। राजभवन में उपलब्ध कचरे, गोबर, गो-मूत्र इत्यादि जैविक और प्राकृतिक तत्वों का उपयोग कर कृषि एवं उद्यानिकी फसल के लिये खाद और कीटनाशकों का निर्माण किया जाये। श्री टंडन विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर आयोजित संरक्षित खेती के लिए निर्मित पॉली हाऊस शुभारम्भ के बाद उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से आज चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे, आयुक्त सह संचालक उद्यानिकी श्री पुष्कर सिंह एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

श्री टंडन ने कहा कि राजभवन के फल और पुष्प उद्यान आदर्श उद्यान के रुप में विकसित किये जाएं जो सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बने। उद्ययान निर्माण और संचालन का मूल आधार आत्म निर्भरता हो। उन्होंने कहा सभी कार्य प्रदर्शनात्मक तरीके से किये जायें ताकि उन्हें देखकर दूसरों को जानकारी और कार्य करने की प्रेरणा मिलें। आधुनिक, जैविक, उद्यानिकी पद्धतियों का व्यवहारिक रूप देखने को मिले। उद्यानिकी फसलों को लाभकारी बनाने के लिए उपयुक्त फल और पुष्प की किस्मों को देख सकें। आत्म निर्भरता के लिए जैविक खाद और कीटनाशकों के उत्पादन के साथ ही भारतीय केचुओं के उत्पादन के प्रयास भी किये जाएं। वर्तमान वर्मी कम्पोस्ट में उपयोग किए जाने वाले केंचुए केवल गोबर एवं अन्य को खाद में परिवर्तित कर देते हैं। जबकि भारतीय केचुएं कृषि भूमि की उत्पादकता को बढ़ाने में सहयोग करते हैं। देशी केचुएं भूमि में ऊपर से काफी नीचे आने-जाने की प्रक्रिया में कृषि उपयोग के लिए मिट्टी को मुलायम कर देते हैं। इसी तरह सिंचित क्षेत्र और असिंचित क्षेत्रों में जीवामृत और घन जीवामृत उर्वरकों का उपयोग भूमि की उत्पादकता में काफी बढ़ोतरी कर देता है। निर्माण की प्रक्रिया अत्यन्त सरल है। इसे गोबर, गोमूत्र के साथ थोड़ा सा बेसन और गुड़ मिलाकर एक ड्रम में तैयार किया जा सकता है। सिंचित क्षेत्र में पानी की नालियों से और असिंचित क्षेत्र में सूखा छिड़काव कर उपयोग में लाया जा सकता है।

राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि राजभवन भोपाल और पचमढ़ी में बागवानी का उत्कृष्ट स्वरूप विकसित किया जाए। इसका विस्तृत प्लान बनाया जाए। जैविक खेती, जीरो बजट खेती का व्यवहारिक रुप तैयार करें। यहाँ प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए, जिसे देखकर रासायनिक कीटनाशकों, उर्वरकों के स्थान पर जैविक उत्पादों के उपयोग की जानकारी मिले। इनके निर्माण की सरल प्रक्रिया और कम लागत के विषय में व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हो। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन की आवश्यकताओं की आपूर्ति राजभवन के संसाधनों से हो। राजभवन की गोशाला में देशी उन्नत नस्लों की गायों का पालन किया गया है। गोशाला दूग्ध उत्पादों की आवश्यकता की आपूर्ति के साथ ही देशी नस्ल सुधार कार्यक्रम का पॉयलट प्रोजेक्ट भी है।

राज्यपाल को बताया गया कि राजभवन पॉली हाऊस में वर्षभर सब्जियों का उत्पादन होगा। पॉली हाऊस में नियंत्रित वातावरण में खेती होने से फसल की उत्पादकता भी कई गुना अधिक होगी। यह कीट व्याधियों से भी मुक्त होती है। जैविक सब्जी उत्पादन होगा। रसायन और कीटनाशकों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए संरक्षित और पारम्परिक खेती का व्यवहारिक स्वरूप तैयार किया गया है। नगरीय क्षेत्रों के निवासी इस आधुनिक विधि से अपने घरों पर बिना मिट्टी के भी जरूरत के अनुसार सब्जियाँ उगा सकते हैं। राज्यपाल को बताया गया कि राजभवन सब्जी, दूध, जैविक खाद और कीटनाशकों के उपयोग में आत्म निर्भर हो गया है। रसोई के लिए अधिकांश सब्जियाँ, दूध, घी, दही, छाछ, उर्वरक, कीटनाशक इत्यादि बाजार से नहीं खरीदे जायेंगे।

ज्ञातव्य है कि पॉली हाऊस में हाई ब्रिड टमाटर के 150 पौधे रोपे गए हैं। इनसे अनुमानत: 7.5 क्विंटल उत्पादन होगा। इसी तरह खीरे के 255 पौधे लगाए गए हैं। इनसे 10 क्विंटल उत्पादन होना संभावित है। शिमला मिर्च के 80 पौधे लगे हैं। इनसे करीब ढाई क्विंटल शिमला मिर्च का उत्पादन होगा। उन्होंने बताया‍कि पत्ती वाली हरी सब्जियों का पॉली हाऊस में औसत उत्पादन प्रति वर्ग फीट लगभग दो से तीन किलोग्राम होता है। राजभवन के पॉली हाऊस में मेथी, पालक, चौलाई, लाल भाजी 146-146 वर्ग फीट में और धनिया 292 वर्ग फीट में लगाई गई है।


अजय वर्मा


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k