- अठखेलियां करते नजर आ रहे जलीय जीव
- कूड़े-कचरे से पटी रहती थी यह झील
लॉकडाउन से एक तरफ जहां कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में अच्छे नतीजे मिले हैं, वहीं लॉकडाउन के कारण प्रकृति में भी निखार आ रहा है. पंजाब से हिमालय की वादियां साफ नजर आने लगी हैं. गंगा और यमुना का जल स्वच्छ हुआ है, तो वहीं झीलों के पानी की गुणवत्ता भी अच्छी हो गई है.
राजस्थान में पर्यटन का केंद्र उदयपुर की मशहूर झील फिर से जिंदा हो चुकी है. आम दिनों में झील में कूड़े-कचरे और शहर की गंदगी का अंबार लगा रहता था. इसके कारण झील के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया था. उदयपुर की वह झील आज इतनी साफ दिखने लगी है कि न सिर्फ 7 फुट गहरी उसकी सतह नजर आने लगी है, बल्कि उदयपुर झील के जलचर भी पानी के ऊपर अठखेलियां करते नजर आने लगे हैं.
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लॉकडाउन के चलते शहर में सभी व्यावसायिक गतिविधियां बंद है. इसीलिए उदयपुर से निकलने वाला कूड़ा-कचरा फिलहाल झील में नहीं जा रहा है. इस झील में छोटी मछलियों के साथ ही बड़ी मछलियां भी दिखाई देने लगी हैं. कई प्रजाति की मछलियां दिखाई देने लगी हैं.
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उदयपुर झील सुरक्षा और विकास समिति के सदस्य तेज शंकर पालीवाल बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र उदयपुर की यह झील अब फिर से जीवित हो चुकी है. आजतक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कई साल बाद झील का पानी साफ नजर आने लगा है. झील की सतह नजर आने लगी है, जो पहले नजर नहीं आती थी.
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पालीवाल ने कहा कि कर्फ्यू और लॉकडाउन के बाद मानवीय गतिविधियां बंद हो गईं, जिससे जो कूड़ा-कचरा झील में पड़ता था, वह बंद हो गया. होटलों से जो सीवरेज का पानी झील में आता था, वह बंद हो गया. मछलियों की अठखेलियां किनारे रहने वाले लोगों को लुभाने लगी हैं. जो सालों तक नहीं दिखा, लॉकडाउन में प्रकृति वह दिखा रही है. उन्होंने झील के सौंदर्य को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और उम्मीद जताई कि पानी की मात्रा बढ़ेगी, तो जलीय जीवों की संख्या बढ़ेगी.