
सुकमा में पहुंचे मजदूर.
कोरोना वायरस के संक्रमण (Covid-19) से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है. आवागमन साधन बंद होने का सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ रहा है.
सुकमा में सबसे ज्यादा कोंटा जहां आन्ध्र प्रदेश व तेलंगाना की सीमा लगी हुई है, वहां मजदूर ज्यादा संख्या में आ रहे हैं. जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से लगातार मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. पलायन कर मजदूरी करने गए ग्रामीण अब मजबूरी में वापस लौट रहे हैं. क्योंकि वहां अपने पैसों से खाना पड़ रहा था, जो पैसे खत्म हो गए. दूसरे में रोजगार नहीं मिल रहे थे. इसलिए मजबूरी में वो लोग पैदल आ गए तो कुछ लोग कुछ जगहों पर ऑटो पकड़ कर आ गए.
नक्सल प्रभावित इलाकों से आ रहे मजदूर
मजबूरी इतनी है कि कल करीब 84 लोग घोर नक्सल प्रभावित किस्टाराम, गोलापल्ली जैसे इलाकों से पैदल चलकर पहुंच गए. इधर प्रशासन सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच करवा रहा है और उनको आइसोलेशन में रख रहा है. कोंटा एसडीएम हिमांचल साहू ने बताया कि दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों की जांच की जा रही है. उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है.ये भी पढ़ें:
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First published: April 20, 2020, 11:22 AM IST