इन मजदूरों का राशन खत्म हो गया तो इन्होंने दो दिन बिस्कुट खाकर पेट भरा
सरगुजा जिले के अजिरमा से पांच मजदूर उत्तर प्रदेश जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े. ऐसे में सरगुजा की सीमा पार कर सूरजपुर के नगर पंचायत जरही में पहुंचने के बाद ये भूख से बेहाल हो रहे थे. इसकी भनक लगते ही जिला प्रशासन ने पांचों मजदूरों को जरही के राहत शिविर मे रखा और उनके खाने पीने की व्यवस्था की.
मजदूरों के पास नहीं बचा था खाना…
मजदूर अमरजीत का कहना है कि उत्तर प्रदेश के म्योपुर से रूपसाय, रामा, राजेश और राजकुमार सरगुजा जिले के अजिरमा में मजदूरी के लिए आए हुए थे. उनका कहना है क लॉकक डाउन के बाद यहां उन्हें कोई काम नहीं मिल पा रहा है. वे घर लौट नहीं पा रहे हैं. उनका राशन 12 अप्रैल को ही खत्म हो गया था. उन्होंने कहा कि हम 12 अप्रैल से बिस्कुट खाकर पेट भर रहे थे. लेकिन जैसे ही लाकडाउन की तारीख बढ़ाई गई तो वे सभी अपने गांव लौटने के लिए निकल पड़े थे. उन्होंने कहा कि भूखे मरने से अच्छा है, अपने घर पर ही जाकर मरना अच्छा.
सीमा पर पुलिस की तैनाती पर उठ रहे हैं सवालकटघोरा में कोरोना मरीज मिलने के बाद से ही सूरजपुर सरगुजा समेत आसपास के जिले की सीमाओं पर पूरी तरह से पुलिसिंग सख्त कर दिया गया है. ऐसे में पांचों मजदूर सरगुजा से सूरजपुर जिले के जरही नगर पंचायत तक पहुंच गए और यही वजह है कि जिले की सीमा पर पुलिस की तैनाती को लेकर सवाल उठ खड़े हो रहे हैं.
कलेक्टर ने तत्काल मजदूरों के रहने का खाने की कराई व्यवस्था
सूरजपुर के कलेक्टर दीपक सोनी को न्यूज 18 के माध्यम से पांचों मजदूरों के जिले में आने की जानकारी लगने के बाद तत्काल जिले के अपर कलेक्टर एस एन मोटवानी को निर्देश दिया. अपर कलेक्टर मौके पर पहुंचे और पांचों मजदूरों को जरही के राहत शिविर में रखवाया और वहीं उनके भोजन की व्यवस्था करवाई. पांचों मजदूरों का स्वास्थ्य परिक्षण करवाया गया और लॉकडाउन तक जिले में ही रहने को कहा गया.
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First published: April 16, 2020, 11:31 AM IST