भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्षा शोभा ओझा ने आज एक बयान जारी किया जिसमें श्री मति ओझा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के 28 में से 23 लोकसभा सांसदों ने अपनी सांसद निधि में से एक रुपया भी खर्च नहीं किया है, पांच सांसदों ने कुछ राशि खर्च की है, जबकि प्रदेश में कांग्रेस के एकमात्र सांसद नकुल नाथ ने लगभग अपनी सारी सांसद निधि विकास कार्यों के लिए खर्च कर दी है, जो सभी भाजपा सांसदों द्वारा खर्च की गई कुल राशि के लगभग बराबर है, इससे साफ जाहिर है की भाजपा के सांसदों की रुचि जनकल्या और विकास कार्यों में तो बिलकुल भी नहीं है बल्कि वे उस जनता के प्रति स्वयं को जवाबदेह भी नहीं समझते हैं, जिसने उन्हें जिता कर संसद में भेजा है।
आज जारी अपने वक्तव्य में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि सांसद निधि खर्च न कर पाने के, इस एक उदाहरण से ही साफ जाहिर हो जाता है कि विकास और जनकल्याण को लेकर कांग्रेस और भाजपा की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है।
अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि प्रदेश के सभी 29 सांसदों को कुल स्वीकृत लगभग 75 करोड़ रुपए की राशि में से प्रत्येक सांसद को 2.5 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान था लेकिन सभी सांसदों को मिलाकर खर्च की गई कुल राशि केवल 5 करोड़ रुपए के लगभग थी, जिसमें से लगभग आधी 2.42 करोड़ रुपये की राशि अकेले कांग्रेस के एकमात्र सांसद नकुल नाथ द्वारा खर्च की गई थी।
अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि भाजपा के जिन 23 सांसदों ने सांसद निधि से एक रुपया भी खर्च नहीं किया, उनमें नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और नंदकुमार चौहान जैसे बड़े नेताओं के साथ ही भोपाल से बड़बोली सांसद प्रज्ञा ठाकुर और इंदौर जैसे बड़े महानगर के सांसद शंकर लालवानी भी शामिल हैं, क्या इन सांसदों की जनता के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है? आखिर क्या कारण था की जनता के लिए खर्च की जाने वाली इस राशि का बिल्कुल उपयोग इन सांसदों के द्वारा नहीं किया गया?
अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि प्रदेश के नागरिकों के प्रति भाजपा सांसदों की उदासीनता सामने आने का यह पहला अवसर नहीं है, इसके पहले भी जब केंद्र द्वारा प्रदेश के हिस्से की राशि आवंटित नहीं की गई थी और जब भारी वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदा के बाद केंद्र द्वारा प्रदेश की जनता के साथ अमानवीय रवैया अपनाते हुए, सौतेला और भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया था, तब भी मध्यप्रदेश के हक का पैसा केंद्र से दिलाने के लिए कोई पहल करने की बजाय इन सांसदों ने बेशर्म खामोशी ओढ़े रखी।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि विकास के मुद्दे पर भाजपा सांसदों द्वारा प्रदर्शित इस तरह की अकर्मण्यता और नाकारापन, राज्य की प्रगति की राह में रोड़ा है। मध्यप्रदेश की जनता इन अकर्मण्य सांसदों सहित पूरी भाजपा से अब यह जानना चाह रही है कि विकास और जनकल्याण के मुद्दों पर उनकी उदासीनता का कारण आखिर क्या है?