बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. राष्ट्रपति भवन में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है. 7 देशों के नेता इस समारोह के साक्षी बनने जा रहे हैं. देशभर से लगभग 10,000 लोग इस समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं.
नरेंद्र मोदी के बाद उनके मंत्रिमंडल के नेताओं को शपथ दिलाई जाएगी. पूरे देश की निगाहें इस समय शपथ समारोह पर लगी हुई हैं. मध्य प्रदेश से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, सावित्री ठाकुर और दुर्गादास उइके शामिल हैं. मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है.
छत्तीसगढ़ से बिलासपुर के सांसद तोखन साहू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए दिल्ली बुलाया गया है.
ठीक 7.20 बजे शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सबसे पहले नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई. नरेंद्र मोदी के बाद कैबिनेट मंत्री रूप में सबसे पहले राजनाथ सिंह को शपथ दिलाई. राजनाथ सिंह के बाद अमित शाह ने ईश्वर को साक्षी मानते हुए शपथ ग्रहण की.
नागपुर से लगातार तीन बार सांसद नितिन जयराम गडकरी ने भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा की शपथ ली. फिर जेपी नड्डा ने शपथ ली. नड्डा के बाद विदिशा से सांसद बने शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. शिवराज सिंह चौहान पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं.
अगले क्रम में कर्नाटक से राज्यसभा सांसद निर्मला सीतारमण और सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने शपथ ग्रहण की. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल से सांसद मनोहर लाल, सहयोगी दल जेडीएस (जनता दल-एस) के एच. डी. कुमारस्वामी ने शपथ ली. कुमारस्वामी दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. जनता दल-एस से दो सांसद जीतकर आए हैं. कुमारस्वामी के बाद 3 बार राज्य सभा सांसद और मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से लोकसभा जीतकर आए पीयूष गोयल ने शपथ ली.
पहली बार केंद्रीय मंत्री बने शिवराज सिंह चौहान
भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने छठी बार मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट 8.21 लाख मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीती. ‘मामाजी’ के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने विनम्र एवं मिलनसार स्वभाव के कारण अपने मित्रों ही नहीं विरोधियों में भी पसंद किए जाते रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी में वे उन चंद नेताओं में शामिल हैं जिनके पास काफी लंबे समय इतने बड़े राज्य को चलाने का प्रशासनिक कौशल रहा है.
यह संयोग है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें इस आम चुनाव में विदिशा संसदीय क्षेत्र से उतारा जिसका प्रतिनिधित्व वह पहले एक या दो नहीं बल्कि पांच बार कर चुके थे. मुख्यमंत्री बनने से पहले अपनी लोकसभा सीट विदिशा में अमूमन पैदल चलने के कारण वह ‘पांव-पांव वाले भैया’ के नाम से पुकारे जाते थे.
मध्य प्रदेश के 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इस 64 वर्षीय नेता ने ‘लाडली बहना’ जैसी बाजी पलटने वाली योजना की मदद से सत्ता विरोधी लहर को मात दी थी. किसान परिवार में पैदा हुए चौहान ने सबसे लंबे समय पौने सत्रह साल तक लगातार मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रचा है. वह 29 नवंबर 2005 को पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ली शपथ
मध्य प्रदेश की गुना सीट से सांसद हैं. 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. 2021 में भी मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री बने थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया 5वीं बार सांसद बने हैं. वे नागरिक उड्डयन मंत्री रहे थे.
एल. मुरुगन बने राज्य मंत्री
मध्य प्रदेश के कोटे से राज्यसभा सांसद डॉ. एल. मुरुगन को भी केंद्रीय राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई.
दुर्गा दास उइके राज्य मंत्री
मध्य प्रदेश के बैतुल लोकसभा सीट से सांसद हैं. 2019 में भी ये सांसद बने थे. पहली बार केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है.
सावित्री ठाकुर बनीं राज्य मंत्री
बीजेपी किसान मोर्चा की उपाध्यक्ष हैं. धार लोकसभा सीट से सांसद चुनी गई हैं. 2014 में भी ये सांसद चुनी गई थीं.
छत्तीसगढ़ से तोखन साहू केंद्रीय राज्य मंत्री
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से सांसद हैं. साहू ने ग्राम पंच से सांसद तक का सफर पूरा किया है. लोरमी से विधायक भी रहे हैं.
झारखंड से अन्नपूर्णा देवी ने ली कैबिनेट मंत्री की शपथ
झारखंड की कोडरमा सीट से विजयी रही हैं. पिछली सरकार में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री रह चुकी हैं. वे झारखंड और बिहार में 4 बार विधायक भी रही हैं.
Tags: Chhattisgarh news, Madhya pradesh news, Narendra modi
FIRST PUBLISHED : June 9, 2024, 19:23 IST
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