- लोक रक्षक दल में महिलाओं की भर्ती को बनाया मुद्दा
- गरीब परिवार की युवतियों के साथ हो रही नाइंसाफी-अल्पेश
पाटण जिले की राधनपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी नेता अल्पेश ठाकोर को हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में ठाकोर का सियासी कद अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. जिसकी वजह से अल्पेश ने अब लोक रक्षक दल में होने वाली भर्ती में महिलाओं के साथ होने वाली नाइंसाफी को मुद्दा बनाकर अपने ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं आंदोलनकारी से नेता बनने वाले अल्पेश एक बार फिर से एलआरडी भर्ती को मुद्दा बनाकर आंदोलन की जमीन तलाश करने की कोशिश कर रहे हैं.
अल्पेश ने प्रशासन पर गरीब युवतियों के अधिकारों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सीधे सीएम विजय रूपाणी से हस्तक्षेप की मांग की है. ओबीसी एकता मंच, ठाकोर सेना के संस्थापक और पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर का कहना है कि अगस्त 2018 में राज्य सरकार ने लोकरक्षक दल भर्ती को लेकर एक परिपत्र जारी किया है, जिसके चलते महिला आरक्षण की सूची में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग की युवतियों को आरक्षित वर्ग का लाभ नहीं दिया गया.
ये पढ़ें-गुजरात में 66 साल बाद पहली बार होगी फांसी, कोर्ट ने जारी किया डेथ वारंट
अल्पेश का कहना है कि आंदोलन कर रही युवतियां गरीब परिवार से हैं, इसलिए दो माह से सड़क पर आंदोलन कर रही हैं और कोई सुनने वाला नहीं है. अगर अमीर परिवारों की पांच युवतियां पर आंदोलन कर रही होतीं तो सरकार व प्रशासन के साथ कैंडल मार्च करने वाले भी उतर आते.
ये पढ़ें-राज्यसभा में PM मोदी ने बताया- गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान क्यों किया था GST का विरोध
अल्पेश ने कहा, ‘वे अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इन युवतियों की आवाज बनकर सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं. अल्पेश ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि दो माह से देख रहा हूं, आंदोलन कर रही युवतियों के समर्थन में कोई भी खड़ा होने को तैयार नहीं है. मैं खुद इसी समाज से आता हूं और उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाना मेरी जिम्मेदारी है. अल्पेश यह भी कहते हैं कि उनकी आत्मा आंदोलनकारी की है, जरूरत पड़ी तो वे भी आंदोलन कर रही युवतियों के साथ सड़क पर उतरने को भी तैयार हैं.’