भोपाल। महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी की पहल पर विभाग में 72 करोड़ रुपए की लागत से दो लाख साइकिलें खरीदने की तैयारी हो रही है। खुद मंत्री ने प्रशासकीय स्तर पर इसे मंजूरी दे दी है और अब फाइल वित्त विभाग के पास भेजी गई है, लेकिन इस खरीदी को लेकर ही सवाल खड़े होने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि ये साइकिलें उन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को बंटनी हैं, जो उसी गांव की रहने वाली हैं। राज्य में महिला बाल विकास दूसरा विभाग होगा, जो साइकिलें बांटेगा, जबकि स्कूल शिक्षा विभाग जो साइकिल बांट रहा है उसमें शर्त है कि पढ़ने वाला लकड़ा या लड़की उस गांव का नहीं होना चाहिए, जहां स्कूल स्थित है। यही वजह है कि साइकिल की खरीदी घेरे में है। इसमें वित्त विभाग की टिप्पणी अहम होगी, क्योंकि इस समय राज्य सरकार के पास किसानों की कर्जमाफी, वेतन-भत्ते, डीए समेत अन्य कई अहम पक्ष चुनौतीपूर्ण स्थिति में हैं।
इधर, सूत्रों का कहना है कि इन साइकिलों की खरीदी के लिए एजेंसी अभी तय नहीं है, लेकिन इसे लघु उद्योग निगम से खरीदा जा सकता है। एक साइकिल की कीमत 3600 से लेकर 3800 रुपए आंकी जा रही है। मप्र में इस समय 97 हजार 135 आंगनबाड़ियां हैं। इसमें प्रत्येक में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक सहायिका है, जिन्हें साइकिल बंटनी हैं।
पास-पास हैं आंगनबाड़ी… हर गांव में दो
मध्यप्रदेश में इस समय 54 हजार 903 गांव हैं। इसके अनुसार आंगनबाड़ियों की संख्या इसकी तुलना में दोगुनी है। स्पष्ट है कि हर गांव में कमोबेश दो आंगनबाड़ियां चल रही हैं। एेसे में साइकिल का उपयोग कैसे होगा, सवाल खड़े करता है।