16 जुलाई से हर घर बनेगा विद्यालय
फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर लाइव के माध्यम से शिक्षकों से साझा की
”हमारा घर हमारा विद्यालय” की कार्य-योजना
भोपाल : बुधवार, जुलाई 1, 2020, 21:05 IST
आगामी 16 जुलाई 2020 से मध्यप्रदेश में विद्यर्थियों के लिए उनका घर ही विद्यालय होगा। दूरदर्शन एवं डिजीलेप के साथ साथ घर पर विद्यार्थी कैसे पढें की कार्ययोजना के संबंध में आज फेसबुक लाइव से 2 लाख सहयोगी जुड़े। कोरोना संकट काल में विद्यार्थियों की शैक्षिक निरंतरता बनाए रखने के लिए, लोक शिक्षण संचालनालय ने ”हमारा घर हमारा विद्यालय” योजना के क्रियान्वयन की रूपरेखा से अवगत कराया। अब 16 जुलाई से कक्षा 9 से 12 के बच्चे घर पर ही स्कूली वातावरण में अध्ययन करेंगें।
श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने ऑनलाइन कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सहभागी शिक्षकों, अभिभावकों विद्यार्थियों और अन्य सहयोगियों को संबोधित करते हुए कहा कि, लॉक डाउन के कारण स्कूल बंद रहे तथा अब जुलाई में भी स्कूल बंद रहेंगें किन्तु पढाई जारी रहनी चाहिए। इस कठिन समय में बेहतर तरीके से अपने घर पर रहकर अध्ययन के लिए हमारा घर-हमारा विद्यालय योजना प्रारंभ की जा रही है। उन्होंने पालकों से आग्रह किया है कि बच्चों को घर पर भी अध्ययन का वातावरण उपलब्ध कराएं, उन्हें घर में ही एक उचित स्थान दें जहाँ वे बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई कर सकें। ”हमारा घर हमारा विद्यालय” योजना ऐसी ही एक भावनात्मक पारिवारिक पहल है जो बच्चों को परिवार के सहयोग से घर पर ही पढ़ाई को सुचारु रखने में सहयोगी होगी।
आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने बताया कि, ”हमारा घर हमारा विद्यालय” योजना प्रदेश के सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है। विद्यार्थी अब अपने घर पर ही विद्यालय के वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे। आयुक्त ने यह भी जानकारी दी कि अभी तक लॉक डाउन के दौरान हमने डिजी लेप (डिजीटल इन्हेंसमेंट कार्यक्रम) के माध्यम से विद्यार्थियों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर प्रतिदिन विषयवार वीडियो के माध्यम से तथा दूरदर्शन पर क्लासरूम कार्यक्रम के माध्यम से 4 घंटे का प्रसारण कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए किया जा रहा है। साथ ही आओ अंग्रेजी सीखें कार्यक्रम के माध्यम से भी विद्यार्थियों को अंग्रेजी सीखने हेतु सुबह 10 बजे से दूरदर्शन पर प्रतिदिन कक्षा का प्रसारण किया जा रहा है।
अभी तक जो भी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं उन्हें आगे भी जारी रखा जाएगा तथा साथ ही विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकों का वितरण एवं प्रवेश की प्रकिया भी आरंभ की जाएगी। किसी भी विद्यार्थी को प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण अन्य जिले/प्रदेश से आए विद्यार्थियों को बिना टीसी/बिना मार्कशीट के भी प्रोविजनल प्रवेश दिया जाएगा। आयुक्त द्वारा बताया गया कि इस वर्ष से एनसीईआरटी की नवीन विषयों की पुस्तकें कक्षा 9 में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, सामाजिक विज्ञान,कक्षा 11में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, कक्षा 12 में इतिहास, राजनीति, समाज शास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान विषय की पुस्तकें लागू की गई है। अब विद्यार्थियों को प्रवेश के साथ ही पाठ्यपुस्तकें प्रदान की जाएगी। दूरदर्शन एवं डिजीलेप पर एक ही तरह की सामग्री दी जाएगी जिसे विद्यार्थी अपनी पाठ्यपुस्तकों के साथ प्रभावी ढंग से समझ सकेंगे।
श्रीमती कियावत द्वारा विस्तार से विद्यार्थियों, शिक्षकों, प्राचार्यों, अधिकारियों के दायित्वों के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही विद्यार्थियों में सकारात्मक एवं रचनात्मक सोच विकसित करने हेतु प्रत्येक शनिवार को जीवन कौशल कार्यक्रम तथा www.mpaspire.com पोर्टल पर कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए केरियर काउंसलिंग के बारे में जानकारी दी गई। इस पोर्टल पर 460 करियर, 6400 से अधिक कॉलेज, 1050 से अधिक प्रवेश परीक्षाएं एवं 930 से अधिक छात्रवृत्तियों की जानकारी पात्रता की शर्तें एवं प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध है। पर्यावरण सुरक्षा के दृष्टिगत प्रत्येक विद्यार्थी से एक पौधा/बीज लाकर विद्यालय परिसर अथवा गांव में रोपित करने की अपील भी की गई।
श्रीमती कियावत द्वारा यह भी अपील की गई कि जिन विद्यार्थियों के पास मोबाइल अथवा टीवी दोनो नहीं हैं वे ग्राम पंचायत के टीवी अथवा अपने परिचित, मित्र, पडोसी के घर जाकर शैक्षिक कार्यक्रम का प्रसारण नियमित रूप से देखें ताकि उनकी पढ़ाई नियमित रूप से हो सके। अभी तक जो विद्यार्थी विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम से जुड़ नहीं पाए हैं वे चिन्ता न करें 16 जुलाई से नये सिरे से पढ़ाई आरंभ कराई जा रही है।
हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम में विद्यार्थी घर पर रहकर कैसे पढ़ेंगे इसकी समय-सारणी, सामग्री तथा पढ़ाई के लिए टिप्स के संबंध में कक्षा वार विषयवार जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि समयसारिणी में ऐसे टॉपिक अथवा पाठ लिए गए हैं जो सरल प्रकृति के है तथा उनका अध्ययन आसानी से किया जा सकता है। पाठ्यक्रम को भी 30 प्रतिशत कम किया जा रहा है। शालाओं को यह निर्देश भी दिए गए कि वे सभी विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तक के साथ दैनिक कैलेण्डर भी वितरित करेंगें। कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थी घर पर प्रतिदिन 3 से 4 घंटे आवश्यक रूप से पढ़ाई करें। समस्या की स्थिति में अथवा कोई अवधारणा समझ में न आने पर अपने शिक्षक से दूरभाष पर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगें। त्रैमासिक परीक्षा की संभावना कम है। अतः विद्यार्थियों को जो प्रोजेक्ट वर्क दिया जाएगा उसे वे अनिवार्यतः करें। इसी आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाएगा। फेसबुक लाइव से लगभग 2लाख व्यक्ति जुड़े।
बबीता मिश्रा
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