- बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पीएचक्यू ने तैयारी की सूची, 46 नक्सली भी शामिल
- गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तरप्रदेश पुलिस को भेजी रिपोर्ट
- 143 कैदी भी जेल से पेरोल पर बाहर आने के बाद सालों से फरार
- 39 हजार बेल जंपर को पकड़ने की चुनौती
भोपाल। मध्य प्रदेश में अपराध करने के बाद बदमाश अपने राज्यों में शरण ले चुके हैं। मध्य प्रदेश पुलिस को लंबे समय से दूसरे राज्यों में बैठे अपराधियों की तलाश है। हालांकि गिरफ्तारी के लिए पुलिस कोशिश कर चुकी है लेकिन हाथ में नहीं आए थे। ऐसे अपराधियों की पीएचक्यू ने सूची तैयार की है। करीब 8 हजार से अधिक बदमाश हैं। जिन्हें मध्य प्रदेश पुलिस ने फरार या फिर नियमित वारंटी घोषित कर दिया है। सभी आरोपी मध्य प्रदेश से सटे हुए राज्यों के हैं। जिन्होंने मध्य प्रदेश में दाखिल होकर अपराध किया। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग निकले। पुलिस ने अपराधियों की सूची तैयार कर गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तरप्रदेश पुलिस को भेजी दी है। सबसे ज्यादा अपराधी उत्तरप्रदेश के हैं। जो मध्य प्रदेश से सटे जिलों में अपराध कर फरार हो चुके हैं। पीएचक्यू के अधिकारियों का कहना है कि बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पड़ोसी राज्य की पुलिस से कई बार संपर्क किया है। उन्हें अपराधियों की जानकारी भी दी जा चुकी है लेकिन गिरफ्तारी के लिए सहयोग नहीं मिलने से सफलता नहीं मिली है। खास बात है कि फरार आरोपियों में नक्सली भी शामिल है। छत्तीसगढ़ सरकार को 46 नक्सलियों की सूची दी गई है। इन पर बालाघाट पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है। सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। मध्य प्रदेश में नक्सली घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।
कार्डिनेशन बैठक पर सवाल
राज्यों में कानून व्यवस्था के साथ दूसरे राज्यों में अपराध और बदमाशों पर कार्रवाई के लिए हर साल डीजी स्तर के अधिकारियों की कार्डिनेशन बैठक होती है। इस बैठक में ला एंड आर्डर बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकायिों के सुझाव लिए जाते हैं। खास तौर से सीमा क्षेत्र में पुलिस के बीच में समन्वय पर चर्चा होती है। सवाल यह है कि मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में पुलिस के बीच समन्वय नहीं है। जिसका नतीजा है कि मध्य प्रदेश पुलिस को दूसरे राज्यों को अपराधियों की सूची देने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
बेल जंपरों को पकड़ने में लगी पुलिस
पिछले दिनों डीजी जीपी सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट जारी कर दी थी। सिंह ने मध्य प्रदेश के 39 हजार से अधिक बेल जंपर और स्थाई वारंटियों की सूची जारी कर दी। इस सूची के बाद पुलिस अफसरों की कार्रवाई पर सवाल उठे। मामले से राजनैतिक तूल पकड़ा तो सभी जिलों में वारंटियों की धरपकड़ तेज हो गई। नाइट गश्त और कांबिंग अभियान चलाते हुए अपराधियों को पकड़ा गया। साथ ही पुलिस के सामने चुनौती एक और है। जेल से पेरोल पर बाहर आने के बाद 143 कैदी फरार है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस के पसीने आ रहे हैं।