Monday, February 3, 2025
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धैर्य, सत्य, सभ्यता और धर्म के आचरण से ही मिलेगी सफलता – राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल

*धैर्य, सत्य, सभ्यता और धर्म के आचरण से ही मिलेगी सफलता – राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल**सफलता सीखने की ललक, लगन और लगातार प्रयास से मिलती है – एडमिरल दिनेश त्रिपाठी* *भुलाए गए ज्ञान को शिक्षा में नवाचारों से फिर से लाया जा रहा-इंदर सिंह परमार,उच्च शिक्षा मंत्री**चौथे दीक्षांत समारोह में 37 प्रतिभागियों का गोल्ड मेडल से हुआ आत्मीय सम्मान* *एडमिरल दिनेश त्रिपाठी डीएससी की मानद उपाधि से हुए विभूषित*

छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर का चतुर्थ दीक्षांत समारोह पूरी भव्यता, दिव्यता और गरिमा के साथ राज्यपाल श्री मंगुभाई जी पटेल की अध्यक्षता में सोल्लास संपन्न हुआ।इस अवसर पर राज्यपाल जी ने देश की नौसेना के प्रमुख एवं सारस्वत अतिथि एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को डॉक्टर ऑफ साइंस(डीएससी)की मानद उपाधि से विभूषित किया।उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार मुख्य अतिथि, वन राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार एवं विधायक श्रीमती ललिता यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी और कुलसचिव श्री यशवंत सिंह पटेल ने मंचासीन अतिथियों का आत्मीय स्वागत कर स्मृति चिन्ह्र भेंट किये।कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी ने स्वागत भाषण एवं विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय इस अंचल की बौद्धिक संपदा में लगातार वृद्धि कर रहा है। विद्यार्थी आज जो उपाधि को प्राप्त करें, उसके अनुरूप उयोगिता भी विकसित करें।साथ ही यह विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपरा को शिक्षा पद्धति में लाने का प्रयास कर रहा है। हम तभी सफल होंगे जब धैर्य, सत्य ,सभ्यता और धर्म का आचरण करेंगे। बच्चे आजकल मां-बाप का नहीं सोचते। एक पेपर खराब हुआ तो सुसाइड कर लेते हैं।इससे छात्र धीरज रखें ,धैर्य और आत्मविश्वास बढ़ाएं तभी आगे बढ़ेंगे।इस अवसर पर आरजीपीवी के कुलगुरु प्रो राजीव त्रिपाठी, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री चंद्रभान सिंह, नगरपालिका अध्यक्ष ज्योति चौरसिया, कलेक्टर श्री पार्थ जायसवाल, एसपी श्री अगम जैन इत्यादि गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सारस्वत अतिथि एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हमें विश्वास है कि आप सभी भारत के विकास यात्रा में अभूतपूर्व भूमिका निभायेंगे। सफलता सिर्फ डिग्री से नहीं बल्कि सीखने की ललक, लगन, और लगातार प्रयास से मिलती है। सफलता के पीछे मत भागो काबिल बनो सफलता तुम्हारे पीछे भागेगी। उन्होंने सफलता होने के लिए तीन बातों पर जोर दिया प्रथम सीखने की प्रक्रिया जारी रहे दूसरा सफलता निपुणता का परिणाम है एवं तीसरी हमें हर असफलता का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हर असफलता के बाद आशा आकांक्षा और आत्मविश्वास दिखाई देता है। शिक्षा आपकी समाप्त हो सकती है लेकिन सीखने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।

मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं अकादमिक गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के अनुरूप भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित अध्ययन अध्यापन करा रही है। भारत ने जिस ज्ञान और विज्ञान को भुला दिया गया था, फिर से शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों के द्वारा ज्ञान की ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में हम रिसर्च कर रहे हैं और और ज्ञान और विज्ञान को आगे बढ़ने का काम कर रहे हैं। मीडिया प्रभारी डा.एस पी जैन एवं सदस्य श्री एनके पटेल ने अनुसार कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्यपाल जी सहित सभी अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर दीक्षांत समारोह का गरिमापूर्ण शुभारंभ किया। संगीत विभाग की छात्राओं ने स्वागत गान एवं विश्वविद्यालय के कुलगान की मधुर प्रस्तुति दी। राज्यपाल जी ने यूनिवर्सिटी के न्यूज लेटर छत्रछाया तथा स्मारिका दीक्षावाणी का विमोचन भी किया।

दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों की उपाधियों तथा स्वर्ण पदक के वितरण के क्रम में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल जी ने एमए हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास ,भूगोल, एम.एस- सी. भोतिक शास्त्र, रसायनशास्त्र, गणित, वनस्पतिशास्त्र, माइकोबायलॉजी, प्राणीशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, बी.एस- सी, बी.ए ,बी. लिब ,एलएलएम, एलएलबी, बीए- एलएलबी आर्नस, बीए- एलएलबी, एमकॉम व बीकॉम, एमएड और बीएड, एमएचएससी और बीएचएससी के कुल 110 छात्र-छात्राओं को उपाधि एवं इनमें से सर्वोच्च अंक पाने वाले 37 छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए एवं उपाधिधारी एवं स्वर्ण पदक विजेताओं को शपथ दिलाई गई।अंत में चित्रकला विभाग द्वारा विद्यार्थियों की लगाई गई चित्ताकर्षक पेटिंग्स की प्रदर्शनी का अवलोकन राज्यपाल जी सहित सभी अतिथियों ने किया। चित्रकला विभाग ने अतिथियों के बनाए सुंदर फोटो उन्हें भेंट किए। संचालन डा. आरडी अहिरवार एवं डा. दुर्गावती सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन कुलसचिव श्री यशवंत सिंह पटेल ने किया।

दीक्षांत समारोह के प्रारंभ में राज्यपाल जी ने कार्यपरिषद सदस्यों और विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्षों के साथ फोटो सेशन एवं शोभा यात्रा में भाग लिया एवं शैक्षणिक यात्रा में सहभागिता की।कार्यक्रम का समापन इस वर्ष भी जबलपुर से आए पुलिस बैंड के द्वारा मधुर धुन में प्रस्तुत राष्ट्रगान के साथ हुआ।

दीक्षांत समारोह के पश्चात भारतीय नौसेना के द्वारा स्थापित आधुनिक सुविधाओं एवं संसाधनों से सुसज्जित नेवी तिलक हाल का उद्घाटन एडमिरल श्री दिनेश त्रिपाठी, उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार एवं कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी ने किया।इस, अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार, विधायकद्वय श्रीमती ललिता यादव एवं श्री अरविन्द पटेरिया, आरजीपीवी के कुलगुरु प्रो राजीव त्रिपाठी,नेवी के अधिकारीगण, एनसीसी के कैडेट्स एवं एनएसएस के स्वयंसेवक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

आयोजन को सफल बनाने में दीक्षांत समन्वयक डॉ. ममता वाजपेई, डा ओपी अरजरिया,डा बीपी सिंह गौर,डॉ दुर्गावती सिंह, डॉ आरडी अहिरवार सहित समस्त समितियों के संयोजकों ,सदस्यों विश्वविद्यालय के अधिकारियों तथा कर्मचारियों का अथक प्रयास रहा। इसके साथ ही जिला, पुलिस एवं नगरीय प्रशासन ने भी आयोजन में अपना भरपूर सहयोग दिया।

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