सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को राफेल डील पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई हो रही है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि कैग की जो रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई थी, उसमें कुछ कागजात नहीं थे. रिपोर्ट में शुरुआती तीन पन्ने शामिल नहीं थे. इसपर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि आप दस्तावेज़ों के विशेषाधिकार की बात कर रहे हैं. लेकिन, इसके लिए आपको सही तर्क पेश करने होंगे.
राफेल डील पर सरकार के द्वारा जो दस्तावेज पेश किए गए हैं, उसपर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
जस्टिस जोसेफ ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि जिन दस्तावेजों के बारे में बात हो रही है. हम उनके बारे में जानते ही नहीं हैं. उन दस्तावेजों में ऐसा क्या है जिसे हम भी नहीं देख सकते हैं. इसपर अटॉनी जनरल ने कहा कि उन दस्तावेजों को देखा जा सकता है. इस डील में साफ है कि ये सरकारों के बीच का सौदा है, इसलिए दाम बताना उचित नहीं है.
प्रशांत भूषण ने कहा कि 2G में भी ऐसा ही हुआ था. किसी अंजान व्यक्ति ने पूर्व सीबीआई डॉयरेक्टर रंजीत सिन्हा के घर का एंट्री रजिस्टर दिया था. भूषण ने 2G और कोल घोटाले के संबंध में आरोपियों की बैठकों का भी जिक्र किया. हालांकि कोर्ट ने इस तर्क को मामने से इंकार कर दिया है.
केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जरनल ने कहा कि राफेल दो सरकारों के बीच का मामला है. इसलिए हमनें कैग को कहा था कि रिपोर्ट में दाम का जिक्र न करें.
इसपर प्रशांत भूषण ने कहा कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है, इसलिए सरकार यह चाहती है कि कोर्ट इसमें दखल न दें.
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने तर्क देते हुए कहा कि अगर दस्तावेज चोरी हुए थे, तो सरकार ने FIR दर्ज क्यों नहीं कराई. अपनी जरुरतों के अनुसार सरकार इन दस्तावेजों का खुलासा करती रही है. सरकार को ये कैसे पता कि कैग रिपोर्ट में क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट में तर्क देते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सुरक्षा से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है.
इसपर जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि जिन संस्थानों में ऐसा नियम है और अगर उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं तो जानकारी देनी पड़ती है.
सुनवाई के दौरान जस्टिस एसके कौल ने अटॉनी जनरल से कहा कि आप विशेषाधिकार की मांग कर रहे हैं. लेकिन आप दस्तावेज बदल रहे हैं.
इसपर अटॉनी जनरल ने कहा कि डॉक्यूमेंट्स दूसरी पार्टी ने पेश किए हैं, हमने नहीं.
राफेल पर सुनवाई शुरू होते ही सुप्रीम कोर्ट ने अटॉनी जनरल से कहा कि कैग की जो रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई थी. उनमें कुछ कागजात नहीं थे. रिपोर्ट के शुरुआती तीन पन्ने गायब थे. चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको सही तर्क पेश करने होंगे.