कर्नाटक में सियासी घमासान के बीच विधानसभा स्पीकर का एक ऐसा बयान सामने आया है, जिसपर जमकर चर्चा हो रही है. विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने बीते मंगलवार को अपनी तुलना ऐसी दुष्कर्म पीड़िता से की है जिससे बार-बार कई तरह के सवाल जवाब किए जाते हैं. दरअसल उनका इशारा विवादित ऑडियो टेप को लेकर उन पर लगाए जा रहे आरोपों की तरफ था. न्यूज 18 की खबर के अनुसार स्पीकर ने यह टिप्पणी ऑडियो टेप की SIT जांच को लेकर विधानसभा में हो रही चर्चा के दौरान की.
विवादित ऑडियो टेप को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने ही जारी किया था
बता दें कि इस ऑडियो टेप विवाद को लेकर सरकार ने SIT से जांच कराने की घोषणा की है. इस विवादित ऑडियो टेप को राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने ही जारी किया था. इस क्लिप में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बीएस येद्दियुरप्पा कथित रूप से एक जेडीएस विधायक को लुभाने की कोशिश कर रहे थे. ऑडियो क्लिप में येद्दियुरप्पा सरकार को अस्थिर करने के लिए एक JDS विधायक को लुभाने की कोशिश कर रहे थे और बीजेपी के मददगार विधायकों के पक्ष में फैसला देने के लिए स्पीकर को 50 करोड़ रुपए देने की बात कह रहे थे.
स्पीकर रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री को SIT गठन का सुझाव दिया था
वहीं, इस विवाद में खुद का नाम आने पर स्पीकर रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री को एसआईटी गठन का सुझाव दिया था, जिसे मुख्यमंत्री ने मान लिया था.विधानसभा में चर्चा के दौरान स्पीकर ने खुद की तुलना दुष्कर्म पीड़िता से करते हुए कहा- जब आप शिकायत करते हैं कि दुष्कर्म हुआ है, तो आरोपी को जेल में डाल दिया जाता है. लेकिन उनके वकील पूछते हैं कि यह कैसे हुआ? यह कब और कितनी बार हुआ? दुष्कर्म एक बार होता है, लेकिन अदालत में आप 100 बार दुष्कर्म करते हैं. यही इस वक्त मेरी हालत है.
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है
कुमारस्वामी द्वारा लगाए गए आरोपों पर येद्दयुरप्पा ने कहा है कि अगर आरोप सही साबित हुए तो वह राजनीति छोड़ देंगे और इससे संन्यास ले लेंगे. ऑडियो प्रकरण में बीजेपी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है. बीजेपी का आरोप है कि उसके प्रदेश अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा को लेकर जारी ऑडियो क्लिप मनगढ़ंत, बनावटी और काट-छांट के साथ प्रस्तुत की गई है.