बैंकॉक: कोरोना वायरस (coronavirus) के खौफ के बीच कुछ दिन पहले खबर आई थी कि चीन में हंता वायरस के चलते एक शख्स की मौत हो गई है. इस खबर ने लोगों की चिंता को दोगुना कर दिया था, अब थाइलैंड से एक ऐसी ही खबर सामने आई है. थाइलैंड इस समय एक नई बीमारी से जूझ रहा है. हालांकि, इस बीमारी ने अब तक केवल जानवरों को ही अपना शिकार बनाया है और सरकार का कहना है कि इससे मनुष्य के संक्रमित होने की कोई जानकारी नहीं मिली है. अफ्रीकी हॉर्स सिकनेस (AHS) नामक इस बीमारी से अब तक 100 से अधिक घोड़ों की मौत हो चुकी है. इस संबंध में पशुधन विकास विभाग के महानिदेशक सोर्वित थानितो (Sorawit Thanito) का कहना है कि यह बीमारी केवल थाइलैंड में है. हम पहली बार इसका अनुभव कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए संक्रमित घोड़ों को क्वारंटाइन किया गया है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चार प्रांतों में कम से कम 131 घोड़ों की अफ्रीकी हॉर्स सिकनेस के चलते मौत हो गई है. थानितो का कहना है कि अभी हमें यह पता लगाना होगा कि यह वायरस थाइलैंड कैसे पहुंचा. हमें मार्च के अंत में इस बीमारी के बारे में पता चला है, इसकी रोकथाम के लिए सभी ज़रूरी प्रयास किये जा रहे हैं. पशुधन विकास विभाग के महानिदेशक ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि इस बीमारी से किसी मनुष्य के संक्रमित होने का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है और इसका कोरोना वायरस से भी कोई संबंध नहीं है.
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क्या होते हैं लक्षण?
इस बीमारी से पीड़ित घोड़ों को सांस लेने में तकलीफ होती है, उनकी आंखों से खून बहता है और उन्हें 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक बुखार भी हो सकता है. इस बीमारी के सामने आने के बाद 27 मार्च को विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) ने थाइलैंड से “AHS मुक्त देश” का दर्जा वापस ले लिया था. इससे पहले OIE म्यांमार और किर्गिस्तान से भी “AHS मुक्त देश” का दर्जा 2018 में वापस ले चुका है.
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क्या है AHS?
OIE के मुताबिक, AHS अफ्रीका के मध्य उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली एक बीमारी है, जहां से यह नियमित रूप से दक्षिणी अफ्रीका और कभी-कभी उत्तरी अफ्रीका में फैलती है. इस बीच, थाइलैंड ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए शुक्रवार को छह घंटे के राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की है. आपको बता दें कि थाइलैंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,800 से अधिक पहुंच गई है और कुछ लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. इसी को देखते हुए सरकार ने शुक्रवार को छह घंटे के राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का ऐलान किया है.
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इधर, गुजरात भी आया था खौफ में
वैसे थाइलैंड ही नहीं घोड़ों में बीमारी की खबर से हाल ही में गुजरात सरकार भी हिल गई थी. गुजरात के संतरामपुर इलाके के कुछ घोड़ों में ग्लेंडर नामक वायरस पाया गया था. दरअसल, एक घोड़े की तबीयत बिगड़ने पर जब उसका मालिक उसे अस्पताल लेकर पहुंचा तब जांच में उसके ग्लेंडर नामक वायरस से पीड़ित होने की बात सामने आई. इसके बाद जांच में चार अन्य घोड़ों में भी यही वायरस पाया गया. विशेषज्ञों के मुताबिक, ग्लेंडर का वायरस हवा में फैलता है और इससे शरीर में संक्रमण के कारण घोड़े की मौत हो जाती है.