- यूपी में लॉकडाउन के साथ ही मंत्री समूह गठित की गई
- कोरोना से निपटने के लिए एक-एक आगे बढ़ रही योगी सरकार
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने और लॉकडाउन में सरकार राहत कार्य में जुटी है. इसे लेकर इंडिया टुडे ग्रुप के ई-एजेंडा आजतक ‘मुख्यमंत्री स्पेशल’ के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्तार से एक-एक बात रखी. उन्होंने कहा कि हम दुनिया के कई देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं लेकिन अभी हमें और सतर्क रहने की जरूरत होगी. कोरोना से बचने के लिए व्यापक कार्ययोजना बन रही है.
सीएम योगी ने कहा कि हम क्रमबद्ध तरीके से कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए काम कर रहे हैं. लॉकडाउन के साथ ही मंत्री समूह गठित कर दी थी और इस बात के लिए तैयार किया कि वो इससे निपटने के मुद्दे पर काम कर रहे हैं. ऐसे ही अधिकारी भी कर रहे हैं. प्रदेश में 52 हजार बेड आज की तारीख में उपलब्ध हैं. शुरुआत में हम महज एक दिन में कोरोना के 50 टेस्ट कर पाते थे, लेकिन 5000 प्रतिदिन टेस्ट हो रहे हैं. देश में यूपी पूल टेस्टिंग करने वाला पहला राज्य है. सूबे में कोरोना के टेस्टिंग के लिए 17 लैब है और एक दिन में 6 से 7 लैब और शुरू कर रहे हैं.
योगी ने कहा वायरस नेचर के साथ अपना स्वरूप भी बदलता है. ऐसे में हमें पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ लोंगो को जागरुक करने से ही सफलता मिलेगी. यूपी में जिस तरह से आबादी है, ऐसे में कोरोना से निपटने का काम हमारे लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम पूरी तरह से प्रदेश को कोरोना से मुक्त करेंगे.
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सीएम योगी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियां कैसे आगे बढ़ें, इसे लेकर कदम उठाएंगे. प्रदेश में अभी भी आर्थिक गतिविधियां जारी हैं. हमने लॉकडाउन 1 और 2 में 119 चीनी मिलों को सफलता पूर्वक चलाया है. 12 हजार के अधिक ईंट भट्टों का संचालन किया है. मध्यम उद्योग की यूनिट्स को चलाने की व्यवस्था को लेकर हम अपनी कार्ययोजना को आगे बढ़ा रहे हैं. खेती में 97-98% काम पूरा हो चुका है, 5500 गेहूं क्रय केंद्र सफलता पूर्वक चल रहे हैं. जनता को संक्रमण से बचाने के सास साथ आर्थिक गतिविधियों को लगातार चलाए रखने के कार्ययोजना पर काम कर रहा है.
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आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो गरीब कल्याण पैकेज दिया है, इसके साथ ही कोरोना वॉरियर के लिए 50 लाख का बीमा भी लागू किया है. उत्तर प्रदेश में आज पहली मई को 16 लाख कर्मचारियों के वेतन को बिना किसी कटौती देने जा रहे हैं. हम किसी का वेतन नहीं काटेंगे. राज्य सरकार ने अपने अनावश्यक खर्चों में कटौती की है. लेकिन हमारे सभी प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
लॉकडाउन से राजस्व पर पड़ने वाले असर के सवाल पर सीएम योगी ने बताया कि ऐसे में उत्तर प्रदेश में एक महीने में 17 से 18 हजार करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होता था, लेकिन इस बार एक हजार करोड़ ही राजस्व आया है. लेकिन फिलहाल हमारे लिए राजस्व से ज्यादा चिंता अपने नागरिकों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हम केंद्र की गाइडलाइन का पालन करते हुए रेड जोन में किसी तरह की कोई छूट नहीं देगे और ऑरेंज और ग्रीन जोन में कुछ छूट देंगे. ग्रामीण इलाकों में हम लोगों ने सब्जी और किराने की दुकानों को पहले से छूट दे चुके हैं. ऐसे में हमारी कोशिश है कि ऑरेंज जोन को ग्रीन में और रेड जोन को पहले ऑरेंज और फिर ग्रीन बदलकर कोरोना से प्रदेश को मुक्त करें.
आदित्यनाथ ने कहा कि कोटा में फंसे 12 हजार के आधिक छात्रों को उन्हें सुरक्षित उनके घरों में पहुंचाने का काम किया गया. 15 हजार के अधिक छात्र प्रयागराज में फंसे थे, उन्हें भी सुरक्षित उनके घरों में पहुंचाने का काम किया गया. हरियाणा में रह रहे श्रमिकों को भी उनके घर पहुंचा चुके हैं. सीएम ने कहा कि केंद्र की गाइडलाइन का पालन करते हुए मजदूरों को वापस लाने का काम शुरू कर दिया है. यूपी में 10 लाख लोगों के शेल्टर रूम में रहने और क्वारनटीन करने की व्यवस्था सरकार ने की है. जो दूसरे राज्यों से आएंगे उन्हें वहां रखा जाएगा. जो भी मजदूर और श्रमिक दूसरे राज्यों से आएंगे उसकी सभी जानकारी ली जाएगी.
सीएम ने कहा कि प्रदेश वापस आने वाले सभी का मेडिकल चेकअप, क्वारनटीन में भेजने का काम किया जाएगा. इस तरह से फंसे श्रमिकों को भी वापस लाने का काम किया जाएगा. जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हें हम तुरंत लेने को तैयार हैं. मेरी मजदूरों से अपील है कि पैदन ना चलें, जहां वहीं रहें. मैं आश्वासन देता हूं कि उन्हें कोई तकलीफ नहीं होगी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 30 लाख श्रमिकों के भरण पोषण की व्यवस्था करा चुके हैं. 18 करोड़ परिवारों को दो बार खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है और तीसरी बार कल से वितरण शुरू हो रहा. दूसरी बार 30 लाख मजदूरों के खाते में भत्ता देने का किया जा चुका है. अभी हम एक-एक कदम आगे बढ़कर कोरोना संक्रमण के चैन को रोकने की प्राथमिकता है. इस दिशा में सफलता मिलते ही जनजीवन को पटरी में लाने का काम शुरू कर देंगे.