मध्यप्रदेश का अजब निजाम, गलती सरकार की और खामियाजा भोगेंगे हजारों बेरोजगार
तीन सरकार के बाद भी चयनित उम्मीदवारों को नहीं मिली नौकरी, कोई चला रहा ऑटो रिक्शा कोई कर रहा मजदूरी
भोपाल। मध्यप्रदेश में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से छल का अनूठा मामला सामने आया है। दो साल से ज्यादा समय से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हजारों बेरोजगारों को तीन सरकार पद खाली होने के बाद भी नौकरी पर नहीं रख पाईं। अब कहा जा रहा है कि नियुक्ति की समयसीमा समाप्त हो गई है।
नियुक्ति की समयसीमा समाप्त कैसे हो गई? इस सवाल का जवाब न तो किसी मंत्री के पास है और न ही अफसर के पास, लेकिन राजस्व आयुक्त ज्ञानेश्वर पाटिल ने ज्ञान दिया है कि पटवारी पद के लिए चयनित वेटिंग लिस्ट वालों को अब नौकरी नहीं दे सकते क्योंंकि उनकी नियुक्ति की समयसीमा समाप्त हो गई है।
प्रश्न यह उठता है कि क्या साल 2017 में जब पटवारी के 9235 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, तब आवेदन की शर्तों में यह प्रावधान भी था कि यदि सरकार चयनित अभ्यर्थियों को नौकरी न दे पाए तो वे अपात्र घोषित हो जाएंगे। पद खाली होने के बाद भी परीक्षा में चुने गए युवाओं को नौकरी न देने के लिए जिम्मेदार कौन हैं? जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की जाएगी या उन्हें प्रमोशन और पुरस्कार दिया जाएगा? (देखें अखबार में छपा राजस्व आयुक्त का बयान)
तीन सरकार में छले गए बेरोजगार
मध्यप्रदेश में बहुचर्चित पटवारी भर्ती में चयनित उम्मीदवारों के साथ किसी एक सरकार ने छल नहीं किया है। लगातार तीन सरकारों में उनके साथ धोखा हुआ है। जब भर्ती परीक्षा और काउंसलिंग हुई तब शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी। इसके बाद कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार रही और अब फिर शिवराज की भाजपा सरकार है। तीनों सरकारों में वेटिंग वाले उम्मीदवारों की लड़ाई जारी है। भाजपा जब विपक्ष में थी तो नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सहित पार्टी नेताओं का इन बेरोजगारों को समर्थन मिला। सरकार में आते ही भाजपा नेता इस मामले में खामोश हो गए। अब न तो वे इनकी मांगों का समर्थन कर रहे और न ही नौकरी दिलाने का प्रयास।
कोई चला रहा ऑटोरिक्शा तो कोई कर रहा मजदूरी
लॉकडाउन के कारण सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे पटवारी वेटिंग वाले युवा अब तक चार लाख से ज्यादा ट्वीट कर चुके हैं। इनमें से कुछ युवा घर चलाने के लिए अन्य काम धंधों में भी लग गए हैं। नौकरी का इंतजार कर रहा शिवपुरी का वेटिंग उम्मीदवार ऑटो रिक्शा चला रहा है। कोई खेत पर काम कर रहा है तो काेई और मजदूरी। कहीं पर कपड़े की दुकान में काम कर ये युवा अपनी सरकारी नौकरी की बाट जोह रहे हैं।